For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ANJU MISHRA
Share on Facebook MySpace

ANJU MISHRA's Friends

  • Varun Raj
  • anand murthy
  • Neelkamal Vaishnaw
 

ANJU MISHRA's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
GURUGOAN
Native Place
UTTAR PRADESH
Profession
TEACHING
About me
सृजनात्मकता का लेकर उपहार , सादा जीवन उच्च विचार .....

ANJU MISHRA's Blog

जीवन का अधिकार

निशा की गहराती निद्रा में ,

गूँजा था जब ‘ माँ ‘ का स्वर |

चहुँ दिशाओं में देखा मैंने ,

न पाया कोई , अंदर बाहर न अम्बर ||

बोली वो पुन: आर्द्र स्वर में ,

माँ मैं तेरी अजन्मी बेटी |

तेरे अंतर्मन की व्यथित दशा ,

पलभर को भी न सोने देती ||

तेरे अश्रु की अविश्रांत धारा ,

जता रही घटना सारी |

कल होगा मेरा दुर्दांत अंत ,

भ्रूण हत्या की है तैयारी ||

जीवन के अंकुर…

Continue

Posted on March 28, 2015 at 12:35pm — 7 Comments

पिया मिलन की आस

मन वीणा के झनके तार ,

पिया मिलन की आई रात |

सकुचाती , इठलाती पहुँची द्वार ,

पिया मिलन की मन में आस ||

उनके रंग में रंग जाऊँगी ,

दूजा रंग न मन भाऊँगी |

अधरों पर अधरों की लाली ,

खिल मन में इठलाऊँगी ||

आज रति ने छेड़ी मधुतान ,

पिया मिलन की मन में आस ||

गलबाहों का हार पहनाकर ,

मंद – मंद मुसकाऊँगी |

श्वासों की मणियों से ,

भावों को खूब सजाऊँगी ||

आज आया जीवन में मधुमास ,

पिया…

Continue

Posted on March 24, 2015 at 5:33pm — 10 Comments

विरही की पाती

( महाप्रभु चैतन्य के जीवन चरित्र को पढ़ते – पढ़ते जब उनका निर्वाण पक्ष पढ़ रही थी तभी उनकी माँ और पत्नी के वियोग से मेरी आँखें भर आयीं और मन में कुछ भाव प्रस्फुटित हुए उन्हीं को शब्दबंध करने का एक छोटा – सा प्रयास है ये

कविता | )                                                                                                           …

Continue

Posted on March 23, 2014 at 4:30pm — 8 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदमी दिल का वह बुरा तो नहीं सिर्फ इससे  खुदा  हुआ  तो नहीं।। (पर जमाने से कुछ…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आ, मेदानी जी, कृपया देखेंकि आपके मतल'अ में स्वर ' उका' की क़ैद हो गयी है, अत:…"
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल में कुछ दोष आदरणीय अजय गुप्ता जी नें अपनी टिप्पणी में बताये। उन्हे ठीक कर ग़ज़ल पुन: पोस्ट कर…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय निलेश नूर जी, आपकी ग़ज़ल का मैं सदैव प्रशंसक रहा हूँ। यह ग़ज़ल भी प्रशंसनीय है किंतु दूसरे…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय गुप्ता अजेय जी, पोस्ट पर आने और सुझाव देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। बशर शब्द का प्रयोग…"
13 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्ते ऋचा जी, अच्छी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई। अच्छे भाव और शब्दों से सजे अशआर हैं। पर यह भी है कि…"
14 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई आपको  अच्छे मतले से ग़ज़ल की शुरुआत के लिए…"
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रास्ता  घर  का  दूसरा  तो  नहीं  जीना मरना अलग हुआ तो…"
15 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"2122 1212 22 दिल को पत्थर बना दिया तो नहीं  वो किसी याद का किला तो नहीं 1 कुछ नशा रात मुझपे…"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल अंत आतंक का हुआ तो नहींखून बहना अभी रुका तो नहीं आग फैली गली गली लेकिन सिर फिरा कोई भी नपा तो…"
18 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार नीलेश भाई, एक शानदार ग़ज़ल के लिए बहुत बधाई। कुछ शेर बहुत हसीन और दमदार हुए…"
19 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार जयहिंद रायपुरी जी, ग़ज़ल पर अच्छा प्रयास हुआ है। //ज़ेह्न कुछ और कहता और ही दिलकोई अंदर मेरे…"
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service