मन वीणा के झनके तार ,
पिया मिलन की आई रात |
सकुचाती , इठलाती पहुँची द्वार ,
पिया मिलन की मन में आस ||
उनके रंग में रंग जाऊँगी ,
दूजा रंग न मन भाऊँगी |
अधरों पर अधरों की लाली ,
खिल मन में इठलाऊँगी ||
आज रति ने छेड़ी मधुतान ,
पिया मिलन की मन में आस ||
गलबाहों का हार पहनाकर ,
मंद – मंद मुसकाऊँगी |
श्वासों की मणियों से ,
भावों को खूब सजाऊँगी ||
आज आया जीवन में मधुमास ,
पिया मिलन की मन में आस ||
तन – मन की दूरी का ,
हर आयाम मिटाउँगी |
प्रेमपाश में डूब पिया के ,
अवगुंठित भावों को पंख लगाऊँगी ||
आज अहसासों ने खोली पाल ,
पिया मिलन की मन में आस ||
मन के अहसासों की डोली ,
पहुँची जब पिय के द्वार |
अरमानों का ताज सजा ,
ढूँढ़ रही उनको निगाह ||
कहाँ छुपे निष्ठुर तुम आज ,
पिया मिलन की मन में आस ||
मादक द्रव्यों की मादकता ,
ले डूबी तुम्हें,किया निढ़ाल |
मेरी पदचापों से भी ,
न टूटा तुम्हारा ये भ्रमजाल |
पल – पल में बीती जाती है रात ,
पिया मिलन की मन में आस ||
शुभ्र चाँदनी की सिमटी बाहें ,
रश्मिरथी ने किया प्रकाश |
पक्षियों की हलचल में ,
टूटा मन वीणा का तार |
आज बिखरा मेरे सपनों का जाल ,
पिया मिलन की मन में आस ||
हाय ! प्रियतम तनिक धैर्य धरा होता ,
मधुशाला की हाला को तज |
अपने जीवन में ,
मेरा स्वप्न बुना होता |
तो , प्रेम का रसपान कराती ,
जीवन में मधुमास बन आती |
खुद की अभिलाषाओं से दूर ,
तेरा हर स्वप्न सजाती ||
अब व्याकुल मन ये करे पुकार ,
पिया मिलन की मिट गई आस ||
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
बहुत खूब , लाजवाब सृजन
बहुत सुन्दर ..बधाई आप को
आदरणीया अंजू जी सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई, शुभकामनायें !
आदरणीया अंजू जी , अच्छी भाव पूर्ण कविता हुई है , बधाइयाँ ।
प्रोत्साहन हेतु आप सभी का आभार !
मद्दपान पर चोट करती,सुन्दर रचना के लिए बधाईयां!आ० अंजू जी!
आदरणीया अंजू जी सुन्दर कविता के लिए हार्दिक बधाई
आ० अंजू जी
भाव भीनी कविता . अंत एक अवसाद लिए . यही जीवन है . सादर .
बहुत सुंदर रचना . ढेरों बधाई .
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online