पवन तुझसे है निवेदन
कर रहा सब कुछ मैं अर्पण
जा प्रिये के पास मेरी
कह सुना उसको कहानी
जो है मेरा हाल कहते
काँप जाती है जुबानी
है तड़प मन में तेरी
मुस्कुराती यह जवानी
कह रही है बार-बार
तेरे बिना कुछ ना जवानी
क्या सफलता लिखूँ मैं
इतिहास के पन्ने कहेंगे
रो पड़ा जो प्रेयसी को
मर्द उसको ना कहेंगे
कह न पाया बात मन कि
रो पड़ी तुम उससे ही पहले
मै चाहता था बहुत कहना
स्वप्न जो देखे सुनहले
चाह है पाने की तुमको
पर…
Posted on August 20, 2012 at 10:00am
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सदस्य टीम प्रबंधनRana Pratap Singh said…