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DK Sharma
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Male
City State
Kota Rajasthan
Native Place
Agra
Profession
Retired fro Rly service

तेरी याद

एक अतुकांत कविता

फिर आई थी तेरी याद
करने मुझे बर्बाद

दिल के कोने में दबी
वो प्यारी बातें
वो मुलाकातें
सब कुरेद गई
इधर उधर बिखेर गई
और मैं ठगा सा
देखता रहा चुपचाप

फिर उन बातों को भुलाने में
दिल में दबाने में,

न जाने कितना वक़्त लगे

कौन जाने आज की रात

यही सब करते कटे
------------

मौलिक और अप्रकाशित

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At 11:55pm on March 13, 2016,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

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