तुलसी दास जी ने बिल्कुल सत्य लिखा है ,---कथनी करनी भिन्न जहाँ हैं ,धर्म नहीं पाखंड वहाँ है ।'देखने मे आता है कि ,लोगों की कथनी कुछ और है करनी कुछ और ,ऐसी ही एक प्रथा है ,दहेज प्रथा जिसके परिणाम…Continue
Started Dec 11, 2012
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