For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Gajendra Dwivedi "Girish"
  • Male
  • bhilai (chhattisgarh)
  • India
Share on Facebook MySpace
 

Gajendra Dwivedi "Girish"'s Page

Latest Activity

Gajendra Dwivedi "Girish" replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 101 in the group चित्र से काव्य तक
"बहुत ही मनमोहक"
Sep 21, 2019
Gajendra Dwivedi "Girish" replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 101 in the group चित्र से काव्य तक
"लाजवाब रचना"
Sep 21, 2019
Gajendra Dwivedi "Girish" replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 101 in the group चित्र से काव्य तक
"बहुत सुन्दर"
Sep 21, 2019
Gajendra Dwivedi "Girish" replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 101 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 101 शक्ति छन्द पर एक प्रयास   जयहिंद   वतन पर लुटाने वो अनथक चले,     १२-२-१२२-१-२२-१२ अमर नाम उनका जो मन से ढले|    १२-२१-२२-१-२-२-१२ अकड़ते किसी पल कहीं वो…"
Sep 21, 2019
Gajendra Dwivedi "Girish" joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Sep 21, 2019
Gajendra Dwivedi "Girish" replied to Saurabh Pandey's discussion शक्ति छन्द के मूलभूत सिद्धांत // --सौरभ in the group भारतीय छंद विधान
"नवीन जानकारी के लिए हृदयतल से आभार आपका सौरभ जी."
Sep 21, 2019
Gajendra Dwivedi "Girish" joined Admin's group
Thumbnail

भारतीय छंद विधान

इस समूह में भारतीय छंद शास्त्रों पर चर्चा की जा सकती है | जो भी सदस्य इस ग्रुप में चर्चा करने के इच्छुक हों वह सबसे पहले इस ग्रुप को कृपया ज्वाइन कर लें !See More
Sep 21, 2019
Gajendra Dwivedi "Girish" commented on Admin's page Tool Box
"शीर्षक : नमन वीरों को हृदय शूल को और बढ़ाकर, कैसे शमन कर पाउँगा! अपने ही प्रत्यक्ष खड़े हों, कैसे दमन कर पाउँगा! द्वेष राग से दूर खड़ा मैं, अनथक सतत निभाऊंगा! फूटेगा जब अन्तस से फिर,  सबका हवन कर जाउंगा!!   माटी की सौगंध मुझे है, पग ना कभी…"
Sep 16, 2019
Gajendra Dwivedi "Girish" updated their profile
Sep 16, 2019
Gajendra Dwivedi "Girish" is now a member of Open Books Online
Aug 28, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
Bhilai 3 Chhattisgarh
Native Place
Dongargaon Dist Rajnandgaon (C.G.)
Profession
Service
About me
मन की बात को शब्दों में ढालना शौक है! व्याकर्नीय जानकारी पर ज्यादा जोर नहीं रहता!

शीर्षक : नमन वीरों को

हृदय शूल को और बढ़ाकर,

कैसे शमन कर पाउँगा!

अपने ही प्रत्यक्ष खड़े हैं तो,

कैसे दमन कर पाउँगा!

द्वेष राग से दूर खड़ा मैं,

अनथक सतत निभाऊंगा!

फूटेगा जब अन्तस से फिर, 

सबका हवन कर जाउंगा!!

 

माटी की सौगंध मुझे है,

पग ना कभी हटाऊंगा!

प्रलय गिरे हिमसागर से तो,

आरुणि सा अड़ जाउंगा!

जान की बाजी खेलकर भी,

देश की आन बचाऊंगा!

पैटन भी डर जाएगा जब मैं,

हमीद सा टकराऊँगा!

 

समझ देश का रक्षक मुझको, 

दुश्मन मार गिराऊंगा।

नहीं रहूंगा कहीं दुबक के, 

भाला बन टकराऊंगा।।

भूख-प्यास सब सहकर भी मैं, 

पग ना कभी हटाउंगा।

गर सीमा पर आये अकबर,  

मैं राणा बन जाऊँगा।1।

 

#गिरीश

#भिलाई_3

१६.०९.२०१९

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी।"
18 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"नमस्कार। प्रदत्त विषय पर एक महत्वपूर्ण समसामयिक आम अनुभव को बढ़िया लघुकथा के माध्यम से साझा करने…"
19 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदरणीया प्रतिभा जी आपने रचना के मूल भाव को खूब पकड़ा है। हार्दिक बधाई। फिर भी आदरणीय मनन जी से…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"घर-आंगन रमा की यादें एक बार फिर जाग गई। कल राहुल का टिफिन बनाकर उसे कॉलेज के लिए भेजते हुए रमा को…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदाब। रचना पटल पर आपकी उपस्थिति, अनुमोदन और सुझाव हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।…"
1 hour ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आपका आभार आदरणीय वामनकर जी।"
2 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आपका आभार आदरणीय उस्मानी जी।"
2 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदरणीया प्रतिभा जी,आपका आभार।"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"  ऑनलाइन शॉपिंग ने खरीदारी के मापदंड ही बदल दिये हैं।जरूरत से बहुत अधिक संचय की होड़ लगी…"
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदरणीय मनन सिंह जी जितना मैं समझ पाई.रचना का मूल भाव है. देश के दो मुख्य दलों द्वारा बापू के नाम को…"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"जुतयाई (लघुकथा): "..और भाई बहुत दिनों बाद दिखे यहां? क्या हालचाल है़ंं अब?""तू तो…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service