For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

charanjit chandwal `chandan'
  • Male
  • Yamuna Nagar Haryana
  • India
Share on Facebook MySpace

charanjit chandwal `chandan''s Groups

 

charanjit chandwal `chandan''s Page

Profile Information

Gender
Male
City State
yamuna nagar
Native Place
yamuna nagar
Profession
Engineer
About me
Working as Additonal Astt Eengineer in Haryana Power Generation Corporation Ltd at WYC HE project Bhudkalan Yamuna Nagar Writes whenever thaughts come

Charanjit chandwal `chandan''s Blog

मौसम नेअभी जलवे दिखलाने हज़ारों हैं

मौसम नेअभी जलवे दिखलाने हज़ारों हैं

साहिल से अभी तूफां टकराने हज़ारों हैं



इस उम्र में भी मरता है तुमपे कोई मुझसा

कहते थे कभी हमसे दीवाने हज़ारों हैं



मैंने हैं सजा रक्खे सब दिल में करीने से

जो ग़म के दिये तुमने नज़राने हज़ारों हैं



इस शहर मे भी तेरे हमदर्द तो हैं अपने

अपने तो हैं कम लेकिन बेगाने हज़ारों हैं



कितने हैं…

Continue

Posted on April 10, 2015 at 8:30am — 1 Comment

मुझको वो मेरे नाम से पहचान तो गया

मुझको वो मेरे नाम से पहचान तो गया
था रब्त मुझसे भी कभी वो मान तो गया


आवारगी वही रही है आशिकी वही
दीवानेपन की इन्तहा को जान तो गया


दिल थे जिगर भी थे कभी वो और ही थे दिन
अब तो मशीनें रह गई इन्सान तो गया


कट तो रहा है वक्त यूं  तेरे बगैर भी
जीने का जिंदगी से वो सामान तो गया


मज़हब भी चल रहे हं सियासत की राह पर
ईमान से पहले सा वो ईमान तो  गया

मौलिक व अप्रकाशित

Posted on March 27, 2015 at 7:00am — 1 Comment

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 9:30pm on March 25, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आपका ओबीओ परिवार में हार्दिक स्वागत है.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service