पापा तुम बहुत याद आते हो ..
समय की बेलगाम रफ़्तार ने
पापा आपकी छत्रछाया से
साँसों के प्रवाह से
आपको मुक्त कर दिया
दुनिया कहती हैं कि ईश्वर है कहाँ ?
शायद दुनिया पागल हैं
पर पापा आप ही तो ईश्वर का रूप हो
मुझसे पूछे ये दुनिया, जब पिता नहीं होते
तो ईश्वर के नाम से जाने जाते है
आपके जाने के बाद
तमाम कोशिशों के बावजूद
सामने की दीवार पे
आपकी तस्वीर नहीं लगा…
Added by sunita dohare on April 29, 2015 at 1:30pm — 14 Comments
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