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Pallav Pancholi's Blog – June 2011 Archive (1)

करता है

मोहब्बत की कोई जब भी यहाँ पर बात करता है

न जाने क्यों मेरा दिल ये उसी को याद करता है



किसी मंदिर मे जाऊं या किसी मज़्ज़िद मे जाऊं मैं

मेरा दिल बस उसे पाने की ही फ़रियाद करता है



कभी रांझा बनाता है कभी मजनू बनाता है

जहाँ मे इश्क़ लोगों को योहीं बर्बाद करता है



शिकायत बस यही बाकी रही दिल मे मेरे यारों

मोहब्बत ही नही करता जहाँ बस बात करता है



कभी कहना नहीं मासूम जग को हाल दिल का भी

कोई मायूस करता है तो बस हमराज़ करता है… Continue

Added by Pallav Pancholi on June 2, 2011 at 12:30am — 2 Comments

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