"बहू ,मेरी पूजा की थाली का ध्यान रखना ,वो तुम्हारी काम वाली है न ,शकूबाई , तुम लोगो ने उसे घर की मालकिन बना रखा है , पर मेरे पूजा के कमरे से दूर रखना ! न जात का पता न धरम का, दिनभर शकूबाई , शकूबाई " बुदबुदाती दादी दुसरे कमरे में चली गई।
शकूबाई ने दरवाजे से दादी की हिदायत सुन ली थी, वो चुपचाप सिर नीचे किये, बाहर के मेनगेट को साफ़ करने लग गई। तभी फूल वाला,माला लेकर आया, और शकूबाई के हाथो मे माला थमा कर चला गया।…
ContinueAdded by Rajendra kumar dubey on June 20, 2016 at 8:30pm — 12 Comments
सड़क के मुख्य मार्ग से २१ कि.मी. कच्चे रास्ते पर धूल उड़ाती जीप चली जा रही थी। जीप में पीछे बैठे कर्मचारी ने मुझसे कहा साहब २ कि.मी. बाद सुनारिया गांव है, वहाँ का एक किसान पिछले ६-७ साल से नहीं मिल रहा है, जब देखो, तब झोपड़ी बंद मिलती है, आज मिल जाये, तो उसे निपटाना है,बहुत पुराना कर्ज बाकी है,मैंने कहा कितना बाकी है ? वो बोला बाकी तो ५००० है, पर ७-८ साल का बाकी है।
तभी जीप सुनारिया पहुँच गई , दो-तीन कर्मचारी तेजी से उतरे और झोपड़ी की तरफ लपके पर झोपड़ी बंद थी , दरवाजे…
ContinueAdded by Rajendra kumar dubey on June 8, 2016 at 8:00pm — 3 Comments
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