हे मन.....
तोङ दे सारे बन्धन.
तोङ दे सारे घमन्ड,छोङ दे मद़ पाना हॆ तुझे अमरत्व का पद
चलना हॆ तुझे सदॆव. सतत
रहना हॆ सदा संघर्षमय प्रयासरत.
अगर तुम्हे बाँधगया कोई मायाजाल
तो कॆसे पाओगे वह शिखर विशाल
जिसके लिये तुम हो सदा से अधीर
फिर बार बार नही मिलेगा तुम्हे नश्वर शरीर
चलते ही रहना हॆ…
ContinueAdded by pankaj singh on June 3, 2013 at 7:30pm — 2 Comments
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