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Pallav Pancholi's Blog – July 2010 Archive (3)

तेरा नाम लेकर

होती है सुबह,ओर ढलती है मेरी शाम बस तेरा नाम ले लेकर

करने लगा शुरू मे आज कल हर काम बस तेरा नाम लेकर



कोई पीता है खुशी मे, किसी को गम, पीना सीखा देता यहाँ

मैने पीया है अपनी ज़िंदगी का हर जाम बस तेरा नाम लेकर



कोई करता है तीरथ यहाँ तो कोई जाता है मक्का ओर मदीना

हो गये पूरे इस जीवन के मेरे सारे धाम बस तेरा नाम लेकर



कोई भागता है दौलत के पीछे तो कोई शोहरत का दीवाना यहाँ

मुझे मिल जाती जहाँ की खुशियाँ तमाम बस तेरा नाम लेकर



किसी को जन्नत… Continue

Added by Pallav Pancholi on July 30, 2010 at 1:33am — 4 Comments

कोई

लेकर उजियारे मेरे, अंधेरी शाम दे गया कोई
आँसू भरी रहे आँखे ऐसे इंतज़ाम दे गया कोई

इस ज़माने मे रहता था नशा उसके प्यार का
आज इस मासूम के हाथ मे जाम दे गया कोई

ना अब जाता हूँ मंदिर ना नमाज़ पढ़ता हू मैं
जपू माला उसके नाम की,ये काम दे गया कोई

नहीं हुई आवाज़ पर दिल टूटकर मेरा चूर हुआ
जातेजाते मुझपे बेवफ़ाई का इल्ज़ाम दे गया कोई

कल तक तो बुलाते थे तुझे पल्लव कह की ही सब यहाँ
छीनकर मेरी पहचान दीवाना मुझे नाम दे गया कोई

Added by Pallav Pancholi on July 7, 2010 at 12:01am — 1 Comment

मिल गये

जो थे अरसे से खामोश मेरे इन होठों को तराने मिल गये

लड़ा पत्थरों से कुछ ऐसे की हीरों के खजाने मिल गये



गया मेरी जिंदगी से, मुझे मरने के लिए छोड़ गया वो

अब भी हूँ जिंदा मस्ती मे, मुझे जीने के बहाने मिल गये



जो था मेरा अपना वो मुझसे अब नज़रें चुराने लग गया

पर इस महफ़िल मे हंसकर गले मुझसे बैगाने मिल गये



घर से मिकला था की जाऊँगा मंदिर पर अभी तो नशे मे हुँ

अगली ही गली मे मुझे ये कितने सारे मयखाने मिल गये



गया था कुछ बैगानों की महफ़िल मे कल… Continue

Added by Pallav Pancholi on July 2, 2010 at 11:46pm — 4 Comments

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