“.....चलो....... चलो हर हाल में चलो ”
पाँव फिसले जमीं पर तो घबराना क्या....
आसमां से कदम तुम मिलाते चलो ...
लाख तोड़े समंदर घरोंदे तो क्या ...
रेत के फिर भी घर तुम बनाते चलो…
ContinueAdded by प्रदीप सिंह चौहान on August 6, 2011 at 4:00pm — 4 Comments
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