आइना हूं मैं तो बस ज़िन्दगी का,कहते हो तुम बुढ़ापा जिसे
जिन्दगी के सफ़र में जो भी खोया या पाया,पलटकर देखो नज़र भर उसे
ज़िन्दगी से सदा तूने सदा ये ही शिकवे किये,ए ज़िंदगी तूने सदा दुख है दिये
सच ये नहीं छुपेगा आइने से बिखरी थीं ख़ुशियाँ,तेरी ज़िन्दगी में
ग़मों को सदा तूने गले से लगाया,ख़ुशियों के पल क्यों ना याद किये
आइने में देखोगे जो ख़ुशियों के वो पल,ग़मों में भी फिर जल उठेंगे दिये
जीवन जीने की कला आप कहते हैं जिसे
उम्र का ये दौर ही है…
ContinueAdded by Veena Gupta on November 28, 2020 at 9:09am — 3 Comments
पूर्णता का जो है प्रतीक ,वह तो बस एक शून्य है
शून्य है जीवन का सत्य ,शून्य ही सम्पूर्ण है
जिस बिंदु से आरम्भ होता ,होता वहीं वह पूर्ण है
आरम्भ जीवन का शून्य से और अंत भी बस शून्य है
शून्य में जोड़ दो ,चाहे जितने शून्य तुम
या निकालो शून्य में से चाहे जितने शून्य तुम
शून्य फिर भी शून्य…
ContinueAdded by Veena Gupta on November 20, 2020 at 3:20am — 6 Comments
दीपोत्सव हम मना रहे
जगमग जग ये हो सारा
ज्ञान का ऐसा दीप जलायें
अज्ञान दूर हो जग से सारा
सौहार्द प्रेम का हो प्रसार
वसुधैव कुटुम्बकम का सच हो नारा
दीपक ऐसा एक जलायें
फैले प्रेम का उजियारा
(मौलिक/अप्रकाशित)
Added by Veena Gupta on November 14, 2020 at 2:00am — 4 Comments
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