Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 4:33pm — No Comments
बड़े सामान्य से दिन हैं ....
बेमौसम बारिशें हैं,
और सांझ की बयार में ख्वाहिशें हैं,
वही सहमी सी धूप है,
और कहीं इसमें गुमसुम,
छांव का इक रूप है,
वही चंचल से वृक्ष हैं,
और बहती हवा के साथ निष्पक्ष हैं,
वही हैं चेहरे....जाने पहचाने,
और छुपे हुए उनमे रंग,
कितने अनजाने,
वही हैं मुरादें अब भी....मन में,
और जानता है मस्तिष्क,
नहीं होंगी ये पूरी,
इस जीवन में.
बड़े सामान्य से दिन हैं ....
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 4:31pm — 1 Comment
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 4:28pm — No Comments
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 11:16am — 1 Comment
Added by neeraj tripathi on February 9, 2011 at 11:14am — 1 Comment
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