Added by मंजूषा 'मन' on September 6, 2017 at 11:19am — 6 Comments
Added by मंजूषा 'मन' on September 6, 2017 at 11:17am — 2 Comments
1222 1222 1222 1222
हमारे ग़म का उसको क्या कभी अंदाज होता है।
हमारी राह में कांटे जो वो हरबार बोता है।
कभी रूठे अगर जो हम तो ये भी याद रखना तू,
न फिर पायेगा हमको तू अगर इस बार खोता है।
बता इस ग़म का तुझपर क्यों नहीं कोई असर होता,
तू हर दम मुस्कुराता है हमारा दिल जो रोता है।
झमेले ज़िन्दगी के मुश्किलों से झेलते हैं हम,
अकेले जूझते हैं हम उधर उधर वो खूब सोता है।
अजब अपनी कहानी है रहे हैं हम निथरते ही,
बरसती आँख का…
Added by मंजूषा 'मन' on August 22, 2017 at 12:00pm — 17 Comments
Added by मंजूषा 'मन' on August 14, 2017 at 6:28pm — 16 Comments
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