मेरा चेहरा मेरे जज़्बात का आईना है
दिल पे गुज़री हुई हर बात का आईना है।
देखते हो जो ये गुलनार तबस्सुम रुख़ पर
उनसे दो पल की मुलाकात का आईना है।
आड़ी तिरछी सी इबारत दिखे रुख़सारों पर
दिल मे लिक्खे ये सफ़ाहात का आईना है।
बाद मुद्दत के उन्हें देख के दिल भर आया
ये मुहब्बत के निशानात का आईना है।
अश्क् और आहें फ़ुगाँ और तराने ग़म के
आपके प्यार की सौगात का आईना है।
दामे दौलत के इशारात में फंस कर देखो
हर…
Added by Manju Saxena on December 5, 2019 at 12:30pm — 1 Comment
डोरबैल पे उंगली रखते ही दरवाज़ा खुल गया।जैसे बंद दरवाज़े के पीछे खड़ी वसुधा बेसब्री से इसी पल का इंतज़ार कर रही थी । लपक कर पति के हाथ से उसने ब्रीफकेस ले लिया।जब तक उमेश ने कपड़े बदले वसुधा ने चाय के साथ गरम नाश्ता लगा दिया।
Added by Manju Saxena on November 26, 2019 at 8:30pm — 2 Comments
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