For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sushil Kumar Verma's Blog (3)

ताकत कलम की

हे भारत के वीर युवाओं,

कर लो नमन माँ सरस्वती को,

दिखा दो ताकत दुनियाँ को,

कितनी शक्ति है तेरे कलमों में!!

कोई बाँट ना पाये हमको,

ऐसा इतिहास लिखो युवाओं,

हर घर में वीर जन्मा है,

बस कोई उन्हें जगा दो!!

तलवार नहीं अपनी-अपनी कलम उठाओ,

देश में ऐसा क्रान्ति लाओ,

लूटेरे और भ्रष्टाचारियों को,

अपनी कलम की ताकत दिखा दो!!

कलम की ताकत को समझ लो युवाओं,

ये बिन चिंगारी के भी आग जलाती है,

देश के गद्दारों और दुश्मनों को, …

Continue

Added by Sushil Kumar Verma on January 21, 2018 at 12:00pm — 1 Comment

शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के

शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के,

मौसम ने यूं पलट खाया,

शीतल हो उठा कण-कण धरती का,

कोहरे ने बिगुल बजाया!!



हीटर बने हैं भाग्य विधाता,

चाय और कॉफी की चुस्की बना जीवनदाता,

सुबह उठ के नहाने वक्त,

बेचैनी से जी घबराता!!



घर से बाहर निकलते ही,

शरीर थरथराने लगता,

लगता सूरज अासमां में आज,

नहीं निकलने का वजह ढूढ़ता!!



कोहरे के दस्तक के आतंक ने,

सुबह होते ही हड़कंप मचाया,

शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के

मौसम ने यूं पलटा…

Continue

Added by Sushil Kumar Verma on November 17, 2017 at 10:00am — 4 Comments

देश के भविष्य

तु देश का भविष्य है,

ऐ कैसा तेरा भेष है,

जिस कंधों पर होना चाहिए बस्ता,

उस कंधों पर कितना बोझ है !!



तु उन चारदीवारों से क्यों दूर है,

शिक्षा की मन्दिर से कहां गुम है,

जिस हाथ में होना चाहिए कलम,

उस हाथ को चाय बेचने का काम है !!



ज़िन्दगी का अध्ययन का पल तुमसे क्यों दूर है,

आखिर तू भी उसी अल्लाह का नूर है,

जिस आंखों में होना चाहिए ख्वाब,

उन आँखों में दर्द आंसूओं का सैलाब है !!



सरकार और परिवार चुप क्यों है,

ये बच्चे… Continue

Added by Sushil Kumar Verma on November 12, 2017 at 9:33am — 7 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
23 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
yesterday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service