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लिखें हिंदी कहें हिंदी पढ़ें हिंदी जहाँ हिंदी
अगर है हिंद की संतान फिर बोले यहाँ हिंदी
बताता छंद चौपाई है पिंगल शास्त्र अपना क्या
हमारे देश की यह मात्र भाषा है रवाँ हिंदी
सिखाया पाठशाला में है इसकी संस्कृत जननी
वतन का नाम हिंदोस्तान हमारा कारवाँ हिंदी
यही है ध्येय चारो ओर इसका ध्वज भी लहराये
हमारे देश के हर प्रांत में गूंजे सदाँ हिंदी
न शर्मायें विदेशों में कभी हिंदी अगर…
ContinueAdded by Deepanjali Dubey on January 10, 2022 at 4:30am — 2 Comments
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किसी और की अब जरूरत नहीं है
मगर तुम न कहना मुहब्बत नहीं है
हुई जब से शादी तो फुर्सत नहीं है
रहूंँ मायके में इज़ाज़त नहीं है
मैं मदहोश उनकी ही यादों में रहता
मुझे भूलने की तो आदत नहीं है
सरे आम होते यहां ज़ुर्म रहते
उसे रोकने की भी हिम्मत नहीं है
तुम्हें गर न देखें थमी सांस रहती
अगर मर गया भी तो हैरत नहीं है
फ़कत इश्क़ में अब दिखावा ही दिखता
नये शोहदों में…
Added by Deepanjali Dubey on November 1, 2021 at 3:00pm — 3 Comments
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