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Niraj kumar's Blog (2)

दर्द-ए-दिल

उन्हें किस्सा ऐ गम सुनाते सुनाते

कटी रातें आँसू बहाते बहात

कहीं बुझ न जाये चिरागे ऐ तमन्ना

चिरागे ऐ मोहब्बत जलाते जलाते

किसी को खबर हीं नहीं लुट गया हूँ ..

.मोहब्बत की दुनिया बसाते बसाते

कह दे कोई उनसे वो खुद बाज़ आ जाये अपने सितम से

हम थक गये है उन्हें मनाते मनाते…

Continue

Added by Niraj kumar on July 29, 2011 at 2:00pm — 1 Comment

ख्वाहिश....

(१)

बे वजह उसने क्यों दूरी कर दी ,

बिछड़ के मोहब्बत अधूरी कर दी !

मेरी किस्मत में गम आये तो क्या,

खुदा उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी !!



(२)

आइना कुछ नहीं नज़र का धोखा है,

नज़र वही आता जो दिल में होता है !

आईने और दिल का एक ही…

Continue

Added by Niraj kumar on July 14, 2011 at 2:00pm — No Comments

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