For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुमने खीची थी जो

सादे पन्ने पर

आड़ी तिरछी रेखाएं

वही मेरी जिंदगी की

तस्वीर  है

वही जी रहा हूँ.

 

रस भरी के फल

जिसे छोड़ दिया था

तुमने कड़वा कहकर

वही मेरी जिंदगी की

मिठास  है .

वही जी रहा हूँ ..

 

मंजिल पाने की जल्दी में

जिस राह को छोड़ कर

तुमने लिया था शोर्ट कट

वही मेरी जिंदगी की

राह है .

वही जी रहा हूँ .

 

तुम हो गये मुझसे दूर

तुम्हे अंक के पहले का शून्य बनना था

मैं तुम्हारा शून्य समेटे हूँ

वही मेरी जिंदगी का

सत्य  है

वही जी रहा हूँ . 

मौलिक एवं अप्रकाशित .. 

Views: 527

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Neer on December 19, 2013 at 8:20am

आदरणीय सौरभ जी आपकी टिप्पणी से उत्साह बढ़ा है , सादर धन्यवाद ..

Comment by Neeraj Neer on December 19, 2013 at 8:19am

आदरणीय जीतेन्द्र गीत जी बहुत बहुत धन्यवाद..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 18, 2013 at 11:49pm

हताशा से उपजी और झल्लाहट भरी वैचारिकता को जीती इस अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई.

शुभ-शुभ

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 10, 2013 at 10:05am

मंजिल पाने की जल्दी में

जिस राह को छोड़ कर

तुमने लिया था शोर्ट कट

वही मेरी जिंदगी की

राह है .

वही जी रहा हूँ .

क्या बात है, स्वार्थी और अवसरवादी इंसानों पर सटीक वार करती पंक्तियाँ, इस मर्मस्पर्शी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय नीरज जी

Comment by Neeraj Neer on December 10, 2013 at 9:43am

आदरणीया वंदना तिवारी जी आपकी टिप्पणी से हौसला बाधा है , आपका हार्दिक धन्यवाद . 

Comment by Neeraj Neer on December 10, 2013 at 9:42am

आदरणीय गिरिराज  भंडारी साहब बहुत धन्यवाद .. 

Comment by Neeraj Neer on December 10, 2013 at 9:41am

आदरणीय अरुण भाई हार्दिक आभार..

Comment by Vindu Babu on December 10, 2013 at 8:28am
आदरणीय नीरज जी अच्छी 'कविता' रची है,कई बार पढी...प्रभावित किया।
सादर बधाई इस हृदयस्पर्शी रचना के लिए।
सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 9, 2013 at 5:22pm

आदरणीय नीरज भाई , सुन्दर रचना के लिये बधाई !!!!!

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 9, 2013 at 3:40pm

आदरणीय नीरज भाई जी बहुत ही सुन्दर भाव से भरी रचना बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"सहर्ष सदर अभिवादन "
8 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, पर्यावरण विषय पर सुंदर सारगर्भित ग़ज़ल के लिए बधाई।"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार जी, प्रदत्त विषय पर सुंदर सारगर्भित कुण्डलिया छंद के लिए बहुत बहुत बधाई।"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय मिथलेश जी, सुंदर सारगर्भित रचना के लिए बहुत बहुत बधाई।"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर कुंडली छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
" "पर्यावरण" (दोहा सप्तक) ऐसे नर हैं मूढ़ जो, रहे पेड़ को काट। प्राण वायु अनमोल है,…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। पर्यावरण पर मानव अत्याचारों को उकेरती बेहतरीन रचना हुई है। हार्दिक…"
18 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"पर्यावरण पर छंद मुक्त रचना। पेड़ काट करकंकरीट के गगनचुंबीमहल बना करपर्यावरण हमने ही बिगाड़ा हैदोष…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"तंज यूं आपने धूप पर कस दिए ये धधकती हवा के नए काफिए  ये कभी पुरसुकूं बैठकर सोचिए क्या किया इस…"
21 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service