For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : दिल की बात आँखों से बताना...........

दिल की बात आँखों से बताना अच्छा लगता है.

झूठा ही सही पर आपका बहाना अच्छा लगता है.

 

छू जाती है धडकनों को मुस्कराहट आपकी,

 फिर शरमा के नज़रे झुकाना अच्छा लगता है.

 

मुरझे फूलों में ताजगी आती है आपको देखकर,

आप संग हो तो मौसम सुहाना अच्छा लगता है.

 

बिन बरसात के ही अम्बर में घिर आते है बादल,

आपकी सुरमई जुल्फों का लहराना अच्छा लगता है.

 

जंग तन्हाई के संग हम लड़ते है रात-दिन,

देर से ही सही पर आपका आना अच्छा लगता है.

 

ख्यालों के आईने में निहारते है तस्वीर आपकी,

नया लुक और रिश्ता पुराना अच्छा लगता है.

Views: 372

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Noorain Ansari on June 7, 2011 at 11:33am
गणेश जी..प्रणाम..
बहूत बहूत धन्यवाद महाराज हौसला अफजाई खातिर..
मेरी ये अनवरत कोशिश रहेंगी की  ब्लॉग के अन्य लेखकों के लेख और कविताओं पे अपने कमेन्ट दिया करून..
क्योंकि यहाँ से बहूत कुछ सिखने को मिलता है..बहूत बिद्वान और प्रतिभाशाली कवि और लेखक है यहाँ पे ..जिनका कविता और लेख पढना मेरे लिए
सौभाग्य की बात होती है...बागी सर आपका तो मैं जबरदस्त फैन  हूँ.....
श्री कृष्ण नारंग...जी आपको भी बहूत बहूत धन्यवाद..
एक बार और धन्यवाद..
Comment by DR SHRI KRISHAN NARANG on May 26, 2011 at 10:39am
Wah! wah! Kya alfaaz hain. Marhaba, Noorain Sahib.

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 26, 2011 at 10:13am
नोरैन साहिब बहुत ही अच्छी ग़ज़ल प्रस्तुत की है आपने , जंग तन्हाई वाला शे'र ज्यादा पसंद आया | दाद कुबूल करे | उम्मीद है आपकी और भी कृतियाँ और अन्य साथियों की कृतियों पर आपकी बहुमूल्य टिप्पणियाँ पढने को मिलती रहेंगी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
7 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"अनुज बृजेश , ग़ज़ल की सराहना और उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
4 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज जी इस बह्र की ग़ज़लें बहुत नहीं पढ़ी हैं और लिख पाना तो दूर की कौड़ी है। बहुत ही अच्छी…"
11 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. धामी जी ग़ज़ल अच्छी लगी और रदीफ़ तो कमल है...."
11 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"वाह आ. नीलेश जी बहुत ही खूब ग़ज़ल हुई...."
11 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय धामी जी सादर नमन करते हुए कहना चाहता हूँ कि रीत तो कृष्ण ने ही चलायी है। प्रेमी या तो…"
11 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय अजय जी सर्वप्रथम देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।  मनुष्य द्वारा निर्मित, संसार…"
11 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । हो सकता आपको लगता है मगर मैं अपने भाव…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"अच्छे कहे जा सकते हैं, दोहे.किन्तु, पहला दोहा, अर्थ- भाव के साथ ही अन्याय कर रहा है।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service