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ख़बर बहुत ही दुखदायी है बाबाजी

करोड़ों  दिलों पर राज करने वाले शहंशाह-ए-ग़ज़ल एवं लोक लाड़ले  स्वर सम्राट जनाब  मेहदी हसन  के देहावसान से  हमें बहुत दुःख पहुंचा है . 

उनकी आत्मिक शान्ति के लिए  परम पिता से प्रार्थना करते हुए  एक ग़ज़ल के रूप में  दिवंगत  आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि :



आँख ग़ज़ल की पथराई है  बाबाजी
नज़्म सोग  में  सरसाई  है बाबाजी



मेहदी की शीतल सुर-सरिता सूख गई
ख़बर  बहुत  ही  दुखदायी है  बाबाजी



चमक दमक, महफ़िल की रौनक रूठ गई
रह   गई   बस   इक   सूनाई  है   बाबाजी



उड़ गये सूखे  फूल कज़ा की आँधी  में
धूल  किताबों   पर  छाई   है   बाबाजी



हाय पहले जगजीत, गये अब मेहदी भी
किसने  चिट्ठी   भिजवाई  है   बाबाजी



अल्लाह ताला उनको जन्नत अता  करे
दुआ   यही  लब   पर  आई  है  बाबाजी



कैसे कहूँ 'अलविदा'  उसे मैं 'अलबेला'
वाणी      मेरी    भर्राई    है   बाबाजी

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Comment by yogesh shivhare on June 14, 2012 at 12:13pm

खुदा उन्हें जन्नत अता करे .हम सभी उनके दिए हुए इन खूबसूरत और नायाब गजलो और उनके नगमो को दिल में पिरो कर बैठे है लोग .वो हमारे साथ नहीं है लेकिन दिलों पर वो हमेशा यादें बनकर छाये रहेंगे

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 14, 2012 at 12:09pm

हाय पहले जगजीत, गये अब मेहदी भी 
किसने  चिट्ठी   भिजवाई  है   बाबाजी



अल्लाह ताला उनको जन्नत अता  करे 
दुआ   यही  लब   पर  आई  है  बाबाजी



कैसे कहूँ 'अलविदा'  उसे मैं 'अलबेला' 
वाणी      मेरी    भर्राई    है   बाबाजी 

आदरणीय अलबेला जी, सादर अभिवादन 

निश्चय ही ये अपूरणीय क्षति है. दुःख की बेला है. जीवन का ये खेला . चले जाते दूर हमसे लोग रह जाते हैं हम लेने जीवन का भोग स्थूल तो रहता नहीं कभी सूक्ष्म में जीवन पाते हैं लोग . उनकी कृतियाँ हमें उनकी याद दिलाएंगी खट्टी मीठी यादें कभी हसायेंगी तो कभी रुलायेंगी . भगवान उनकी आत्मा को परम शांति प्रदान करे. ये हमारी प्रार्थना है.

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