For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 

शुभ्र वस्त्र शांत रूप, नैनन में ज्ञानदृष्टि,

देवी हंसवाहिनी को हाथ जोड़ ध्याइये.

चरण कमल से हैं, आसन कमल का है,

ब्राह्मी ज्ञान दायिनी को, शीश ये नवाइये.

पुस्तक प्रतीक ज्ञान, वीणा सुर पहचान,

प्राणवायु ज्ञान की तो अब बन जाइये..

त्यागें द्वेष भाव और भूलें सब बैर-भाव,

ज्ञान बाँट-बाँट सृष्टि, स्वर्ग ही बनाइये,

--अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 1065

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on September 15, 2011 at 9:33am

स्वागत है मित्र अरुण जी ! इसे सराहने के लिए हृदय से आभार मित्रवर!

Comment by Abhinav Arun on September 14, 2011 at 4:10pm

आज हिंदी दिवस के सन्दर्भ में इस रचना को पढ़ा !! बहुत अच्छी कामना का काव्य !! साधुवाद !!

Comment by Er. Ambarish Srivastava on September 14, 2011 at 12:32am

जय माँ शारदे !
स्वागत है आदरणीया सुनीता जी ! आपका हार्दिक आभार .....

Comment by Er. Ambarish Srivastava on September 13, 2011 at 11:47pm

स्वागत है भाई दुष्यंत सेवक जी ! घनाक्षरी की सराहना के लिए हार्दिक आभार मित्रवर! हम सभी के पास जो कुछ भी है वह माँ वीणा वादिनी की ही कृपा है .......

Comment by सुनीता शानू on September 13, 2011 at 11:32pm
जय माँ वीणा वादिनी...
Comment by दुष्यंत सेवक on September 13, 2011 at 7:07pm

ahaaa. man prafullit ho gaya...prastut rachna ka ek ek shabd apne aap me maa saraswati ke charnon me sadar vandan ka dyotak hai....layatmakta ka bhi javab nahi....behad umda ambreesh bhaiya

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 10, 2011 at 1:28pm
नमस्कार मित्र सत्य कहा आपने ...हृदय से आभार आपका !
Comment by shrikantpandey on July 8, 2011 at 8:45am
अंबरीश जी,
नमस्कार,
सरस्वती वंदना पढ़ा,अच्छा लगा,ज्ञान की सागर है मां. ज्ञान द्वेष,छल-कपट,विरोध, लालच सभी से दूर ले जाता है,परन्तु जब ज्ञान पर कुठाराघात हो विरोध करना आवश्यक हो जाता है.परशुराम ने भी शस्त्र उठाया था, कृष्ण ने भी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
4 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
17 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सुन, ससुराल में किसी से दब के रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरे भाई, हमने कोई फ्री में सादी थोड़ी की…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
22 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र ji कृपया देखिएगा सादर  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे मुहब्बत का होगा असर धीरे…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"चेतन प्रकाश जी, हृदय से आभारी हूं।  साप्ताहिक हिंदुस्तान में कोई और तिलक राज कपूर रहे होंगे।…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद आदरणीय धामी जी। इस शेर में एक अन्य संदेश भी छुपा हुआ पाएंगे सांसारिकता से बाहर निकलने…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय,  विद्यार्जन करते समय, "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" नामक पत्रिका मैं आपकी कई ग़ज़ल…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service