For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उसका हर गीत ही अखबार हुआ जाता है,
क्यों ये फनकार पत्रकार हुआ जाता है !

जबसे आशार का मौजू बना लिया सच को,
बेवजन शेअर भी शाहकार हुआ जाता है !

अपने बच्चों को जो बाँट के खाते देखा ,
दौर ग़ुरबत का भी त्यौहार हुआ जाता है !

बेल बेख़ौफ़ हो गले से क्या लगी उसके
बूढा पीपल तो शर्मसार हुआ जाता है !

हरेक दीवार फासलों की गिरा दी जब से
सारा संसार भी परिवार हुआ जाता है !

Views: 379

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on July 25, 2010 at 10:41am
अपने बच्चों को जो बाँट के खाते देखा ,
दौर ग़ुरबत का भी त्यौहार हुआ जाता है !

बहुत ही बढ़िया रचना है योगी भैया...आपकी कलम की ताक़त का कोई जवाब नही है कोई तोड़ नही है....बहुत खूब भैया बहुत खूब....

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 24, 2010 at 9:10pm
योगराज भैया कमाल की ग़ज़ल लिखी है, जबरदस्त शे'र कही है आपने, तीसरा शे'र और मकता काफ़ी उम्द्दा लगा, आप का जबाब नहीं है योगराज भैया ,जबरदस्त लिखते है, बहुत खूब, बधाई स्वीकार करे ,जय हो,
Comment by विवेक मिश्र on July 24, 2010 at 9:05pm
prabhakar sir ke kya kehne... jo likh dete hain, aap hi behtareen ho jaati hai.. ek-2 sher apne mein gehraai samete hue hai.. bahut hi badhiya..
Comment by asha pandey ojha on July 18, 2010 at 2:14pm
waah bhaisaab is gzal ko jitnee baar padho utnee baar nai w taza lagtee hai .. bahut hee umda hai .. जबसे आशार का मौजू बना लिया सच को,
बेवजन शेअर भी शाहकार हुआ जाता है !

अपने बच्चों को जो बाँट के खाते देखा ,
दौर ग़ुरबत का भी त्यौहार हुआ जाता है !seedhee dhmniyon me utr gain ye panktiyan lahoo kee tarh waah anand aaya
Comment by baban pandey on July 16, 2010 at 9:06pm
हरेक दीवार फासलों की गिरा दी जब से
सारा संसार भी परिवार हुआ जाता है !
अब मैं भी ग़ज़ल सिखाने की कोसिस में हू भाई .उर्दू का स्टोक बहुत ही कम है मेरे पास

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * बम बन्दूकें और तमंचे, बिना छिड़े ही वार। आए  लेने  नन्हे-मुन्ने,…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" प्रात: वंदन,  आदरणीय  !"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद : रौनक  लौट बाजार आयी, जी   एस   टी  भरमार । वस्तुएं …"
9 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम..."
16 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service