ना जइयो परदेस सजनवा, बिन तेरे हिया ना लगे रे
तोहरी राह तकते तकते हमरी, प्राण निकल ना जावे रे
जे तू हमरी सुध ना लेवे, ना हमारी पाती लौटावे रे
तोहरी क़सम हम तोहरी खातिर भूख प्यास भी त्यागे रे
ना जइयो परदेस सजनवा, बिन तेरे हिया ना लगे रे
तुमरे मन में मेल बड़ा है धोये दाग ना जावे रे
फिर भी हमारी धानी चुनरिया तेरी रंग रंगना चाहे रे
खो जाए तेरी नींद भी बैरी तू चैन कहीं ना पावे रे
जैसे हम है सुध-बुध खोये, वैसा हाल तेरा हो जावे रे
ना जइयो परदेस सजनवा, बिन तेरे हिया ना लगे रे
आग लगे उस तेरे धन को, जो प्रेम की याद भुलावे रे
हमरे जैसे एक दिन तू भी, भटके, हमारा नाम बुलावे रे
बिन तेरे सब जग सुना, अंगीठी जले आंच ना पावे रे
तुझको भी जाड़ा सताये लगन की, सेंके हाथ ताप ना लागे रे
ना जइयो परदेस सजनवा, बिन तेरे हिया ना लगे रे
जिस दिन लौटे अपने घर को, सब हो बस मुझको ना पावे रे
जैसे तरसी मैं तेरे बिन, तू भी विरह के दिन काटे रे
ना जइयो परदेश सजनवा, बिन तेरे हिया ना लगे रे
तोहरी राह तकते तकते हमरी, प्राण निकल ना जावे रे
ना जइयो परदेस सजनवा, बिन तेरे हिया ना लगे रे
"मौलिक व अप्रकाशित"
अमन सिन्हा
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