क्या रंग है आँसू का कैसे कोई बतलाएगा?
सुख का है या दु:ख का है ये कोई कैसे समझाएगा?
कभी किसी के खो जाने से, कोई कभी मिल जाए तो
कभी कोई जो दूर हो गया, कोई पास कभी आ जाए तो
किस भाव में कितना बहता, कोई ध्यान नहीं रखता
हर हाल में इसका एक ही रंग है, फर्क ना कोई कर सकता
कभी दर्द में बह जाता है, हंसी में भी ये दूर…
ContinuePosted on May 25, 2022 at 11:47am — 1 Comment
तुम वीरांगना हो जीवन की, तुम अपने पथ पर डटी रहो
चाहे उलाहना पाओ जितनी, तुम अपने जिद पर अड़ी रहो
गर्भ में ही मारेंगे तुमको, वो सांस नहीं लेने देंगे
कली मसल कर रख देंगे वो फूल नही बनने देंगे
तुम मगर गर्भ से निकल कर अपनी खुशबू बिखरा दो
तुम वीरांगना हो जीवन की, तुम अपने पथ पर डटी रहो
चाहे पथ पर पत्थर फेंके, शिक्षा से रोके तुमको
कुछ पुराने मनोवृत्ति वाले चूल्हे में झोंके तुमको
तुम ना डिगना अपने प्रण से, एकाग्रचित्त हो जमी…
Posted on May 21, 2022 at 11:59am
मैं धरती बोल रही हूँ,
हाँ-हाँ धरती बोल रही हूँ
अपनी व्यथा सुनाने को मैं
मैं कब से डोल रही हूँ
मैं धरती बोल रही हूँ
मैंने ही तुमको जन्म दिया…
ContinuePosted on May 16, 2022 at 11:30am — 2 Comments
दर्द है ये दो दिलों का, एक का होता नहीं
जागते है संग दोनों, कोई भी सोता नहीं
ये ख़ुशी है या के ग़म है, कोई कह सकता नहीं
दर्द का वैसे भी यारो, रंग होता हीं नहीं
याद आती है घडी वो, जब पहली बार हम मिले थे
बसंत के वो दिन नहीं थे, पर फूल दिल में खिले थे
क्या हुआ जो…
ContinuePosted on May 13, 2022 at 1:00pm
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