मधुमालती छंद ....
1
डर कर कभी, रोना नहीं ।
विश्वास को, खोना नहीं ।
तूफान में, सोना नहीं ।
नफरत कभी , बोना नहीं ।
***
2
क्षण- क्षण बड़ा, बलवान है ।
संग्राम की, पहचान है ।
हर पल यहाँ, संघर्ष है ।
पल भर यहाँ , बस हर्ष है ।
***
3
सपने कभी ,मरते नहीं
दीपक सभी , जलते नहीं ।
थोड़ी यहाँ, मुस्कान है ।
ढेरों यहाँ , व्यवधान है ।
***
4
हर वक्त ही,बस काम है।
जीवन इसी का नाम है ।
थोड़ी यहाँ, पर जीत है ।
जीना यहाँ , बस रीत है ।
***
5
आभास का , विश्वास नहीं ।
पतझड़ यहाँ, मधुमास नहीं ।
ये जिंदगी बस प्यास है ।
हर आस का बनवास है।
***
6
बरसात का तूफान है ।
मौसम बड़ा हैरान है।
विध्वंस की पहचान है।
भयभीत अब , इंसान है ।
***
सुशील सरना / 21-9-23
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