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चला क्या आज दुनिया में बताने को वही आया
जमा है धुंध का बादल हटाने को वही आया

जरा सोचो कभी झगड़े भला करते किसी का क्या
कभी बारूद या गोले बसा पाए किसी को क्या
तबाही ही तबाही है दिखाने को वही आया
जमा है धुंध का बादल हटाने को वही आया

मतों का भिन्न हो जाना सही है मान लेते हैं
सभी चिंतन जरूरी हैं इसे भी जान लेते हैं
मगर कट्टर नहीं अच्छा जताने को यही आया
जमा है धुंध का बादल हटाने को वही आया

चला है देख लो कैसा बड़ा व्यापार दुनिया में
विनाशक बिक रहे अब तो बहुत हथियार दुनिया में
उजड़ते गाँव गलियां सब दिखाने को यही आया
जमा है धुंध का बादल हटाने को वही आया


मौलिक अप्रकाशित

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