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रफ़ी का इक सदाबहार नगमा..............

फिल्म-- हँसते जख्म
गाना-- हां ये माना मेरी जान मोहब्बत सजा है
गायक-- मोहम्मद रफ़ी

तौबा तौबा ये जवानी ये जवानी का गुरूर
इश्क के सामने सर फिर भी झुकाना ही परा
कैसा कहते थे ना आयेंगे ना आयेंगे
मगर दिल ने इस तरह पुकारा तुम्हे आना ही परा

ये माना मेरी जान मुहब्बत सजा है
मजा इसमें इतना मगर किसलिए है
वो इक बेकरारी जो अब तक इधर थी
वोही बेककारी उधर किसलिए है

बहलना ना जाने बदलना ना जाने
तमन्ना मचल के सम्हलना न जाने
करीब और आओ कदम तो बढाओ
झुका दूं ना मैं सर तो ये सर किसलिए है
ये माना मेरी जान मुहब्बत सजा है
मजा इसमें इतना मगर किसलिए है

नज़ारे भी देखे इशारे भी देखे
कई खूबसूरत सहारे भी देखे
नाम क्या चीज है,
इज्जत क्या चीज है सोने चांदी की
हकीकत क्या है लाख बहलाए कोई दौलत से
प्यार के सामने दौलत क्या है

जो मयखाने जा कर नशा गर उठाऊ
तो फिर ये नशीली नजर किसलिए है
ये माना मेरी जान मुहब्बत सजा है
मजा इसमें इतना मगर किसलिए है

तुम्ही ने सवारा तुम्ही ने सजाया
मेरे सुने दिल को तुम्ही ने बसाया
जिस चमन से भी तुम गुजर जाओ
हर कलि पर निखर आ जाये
रूठ जाओ तो रूठ जाये खुदा
और हस दो तो बहार आ जाये

तुम्हारे कदम से है घर में उजाला
अगर तुम नहीं तो वो घर किसलिए है
ये माना मेरी जान मुहब्बत सजा है
मजा इसमें इतना मगर किसलिए है
वो इक बेकरारी जो अब तक इधर थी
वोही बेककारी उधर किसलिए है...........................

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Comment

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Comment by Rana Pratap Singh on September 6, 2010 at 9:43pm
रफ़ी साहब की ये कव्वाली आज भी रोंगेटे खड़ी कर देती है|
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 7, 2010 at 12:05pm
dhanybaad ganesh bhaiya,bijay bhaiya aur raju bhai.....raua log ke ee gaana likhal pasand aail ee humra khatir khushi ke baat baa....aage bhi hum likhat rahab....
and ur welcome ishika...collection to bahut saare hain rafi ke lekin bas thoda samay ki kami ke kaaran nahi likh pata hoon lekin fir bhi kosis rahti hai ki adhik se adhik likhu...aage bhi kosis jaari rahegi ki apne busy schedule me se samay nikal kar kuch likhat rahon....
Comment by Raju on April 6, 2010 at 7:56pm
Thankyou Preetam bhaiya for sharing this with us
Comment by ISHIKA MISHRA on April 6, 2010 at 5:50pm
thanks a lot preetam jee.....this song is also one of my favorite....thanks for share with us...
this song is always available in my mobile and lappy also....i hear this nice song daily.....
agar aapke paas aur bhi rafi ke acchhe gaane ho to please yahan post kare....
we r waiting for the next song of rafi...........

Ishika Mishra
Comment by BIJAY PATHAK on April 6, 2010 at 4:51pm
Preetam ji purani yaad taza kai deni , Dhanyabad

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 6, 2010 at 8:52am
बहुत सुंदर गीत खोज कर लाये है प्रीतम भाई, ये गीत आज भी जब बजता है तो चलते हुवे कदम ठिठक जाते है और दिल मजबूर हो जाता है की पूरा गीत सुन कर ही आगे बढ़ा जाये, बहुत बहुत धन्यबाद ईस गीत को पोस्ट करने के लिये ,

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