दिनांक 1 सितम्बर, 2011 को इग्नू के "भोजपुरी भाषा, साहित्य संस्कृति केंद्र" द्वारा पाठ्यक्रम निर्माण सम्बन्धी प्रथम वैठक आयोजित की गई, भोजपुरी भाषा में 'सर्टिफिकेट कार्यक्रम' से सम्बंधित पाठ लेखकों की इस बैठक में देश के विभिन्न कोने से भोजपुरी भाषा से सम्बंधित साहित्यकार, चिन्तक, व्याकरणाचार्य, संपादक, भाषाविद आदि विद्वानों ने हिस्सा लिया | डॉ.गुरचरण सिंह (कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, सासाराम), डॉ. जयकांत सिंह जय( बी.आर.आंबेडकर विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर), डॉ, विनय कुमार सिंह (बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, बनारस), डॉ. गोरख प्रसाद मस्ताना (राज इंटर कॉलेज, बेतिया), डॉ.राजेंद्र प्रसाद सिंह (कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, सासाराम), डॉ. सुजीत कुमार (दिल्ली), डॉ. राजेश कुमार (दिल्ली),डॉ.ब्रजभूषण मिश्र,(मुजफ्फरपुर, बिहार,) श्री रमेश कुमार सिंह (दिल्ली), श्री भुनेश्वर भास्कर (दिल्ली), श्री सुर्यानंद सुर्याकर (देवरिया, यु.पी.), श्री संतोष कुमार (दिल्ली). डॉ. इन्द्रनारायण सिंह (पटना विश्वविद्यालय, पटना), श्री दिलीप कुमार, (पटना), सुश्री शशिकला कुमारी (सासाराम), श्री चंद्रभान राम (बेतिया), श्री संजय कुमार (पटना), डॉ. देवेन्द्र प्रसाद सिंह (सासाराम, बिहार) आदि शामिल हुए | पाठ्यक्रम के लिए पाठ लेखकों ने अपनी अपनी पाठ का वाचन किया फिर एक एक कर के हर पाठ पर विचार किया गया, पाठ वाचन के पूर्व भोजपुरी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति केंद्र के सूत्रधार-संयोजक प्रो. शत्रुघ्न कुमार ने समस्त लोगो का अभिवादन किया एवं इस अवसर पर स्व. डॉ. प्रभुनाथ सिंह जी की याद में एक मिनट का मौन रख पर समस्त लोगो ने उन्हें श्रधांजलि दी |
भोजपुरी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति केंद्र, इग्नू के सूत्रधार-संयोजक प्रो. शत्रुघ्न कुमार ने इस केंद्र के निर्माण सम्बंधित चर्चा करते हुए कहा कि "दुनिया की सभी भाषा महत्वपूर्ण एवं मधुर हैं तथा भाषाएँ मानव के द्वारा मानव को दी गयी सबसे बड़ी देन है | यह कितना सुखद समाचार है जब मानव को ज़बान प्रदान करने वाली दुनिया कि बहुत सी भाषाएँ नष्ट होने के कगार पर हैं वही इग्नू ने देशी-विदेशी भाषाओँ के पुर्नुथान का बीड़ा उठा लिया है | इग्नू के कुलपति प्रो.वी.एन.राजशेखरन पिल्लई एक मलयाली भाषी होते हुए भी उन्होंने कबीर-रैदास जैसे महान विचारकों संतों को वाणी देने वाली भाषा भोजपुरी के महत्व को न सिर्फ पहचाना बल्कि इग्नू में इस भाषा से सम्बंधित केंद्र की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | हमने 2009 से भोजपुरी में आधार पाठ्यक्रम की शुरुआत कर दी है अब केंद्र द्वारा शीघ्र ही इस भाषा में उच्चस्तरीय पाठ्यक्रम लागू होंगे | इस दिशा में भोजपुरी में सर्टिफिकेट कार्यक्रम का आरम्भ होना पहला कदम होगा.
(श्रोत : प्रो. शत्रुघ्न कुमार, सूत्रधार-संयोजक - भोजपुरी पाठ्यक्रम, संयोजक - भोजपुरी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति केंद्र, इग्नू)
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online