For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जय..जय..ओ बी ओ !

जय...जय...जय...ओ बी ओ l

यहाँ शरण में जो भी आया
ओ बी ओ ने गले लगाया l

इस मंदिर में जो भी आवे
रचना नई-नई लिखि लावे l

जो भी इसकी स्तुति गावे
नई विधा सीखन को पावे l

संपादक जी यहाँ पुजारी
उनकी महिमा भी है न्यारी l

जिसकी रचना प्यारी लागे
पुरूस्कार में वह हो आगे l

प्रबंधकों की अनुपम माया
भार प्रबंधन खूब उठाया l

जय...जय...जय..ओ बी ओ l

-शन्नो अग्रवाल 

Views: 618

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 6, 2012 at 9:40pm

मैम ओ बी ओ का कविता में चित्रण करने पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें

Comment by Shanno Aggarwal on April 6, 2012 at 6:54pm

अम्बरीश जी, आपका पुनः धन्यबाद.  

Comment by Shanno Aggarwal on April 6, 2012 at 6:53pm

संदीप जी एवं वीनस जी, आपका बहुत धन्यबाद. 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on April 6, 2012 at 2:43pm

स्वागत है आदरणीया शन्नो जी !

Comment by वीनस केसरी on April 6, 2012 at 12:47am

वाह

अभूतपूर्व

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 5, 2012 at 8:27pm

इस सुन्दर सुहानेमंच की  प्रतिष्ठा और प्रशंसा में प्रस्तुत आपकी यह रचना बहुत सुन्दर लगी महोदया|

Comment by Shanno Aggarwal on April 5, 2012 at 4:33pm

और आपके सुंदर रचनात्मक कमेन्ट के लिये भी अत्यंत धन्यबाद...अम्बरीश जी.

Comment by Shanno Aggarwal on April 5, 2012 at 4:29pm

अम्बरीश जी, आपका बहुत-बहुत धन्यबाद. आपके मार्ग-दर्शन से रचना में अपनी त्रुटियों को जाना जिसके लिये मैं आपकी बहुत आभारी हूँ. आपने जो कहा उन शब्दों से बदलाव करती हूँ अभी.   

Comment by Shanno Aggarwal on April 5, 2012 at 4:22pm

अरुण जी, प्रदीप जी एवं आशीष...आप सबका बहुत धन्यबाद. रचना की सराहना के लिये आप सबकी आभारी हूँ.

Comment by Abhinav Arun on April 5, 2012 at 10:54am

वाह क्या कहने आदरणीया शन्नो जी आपने ओ बी ओ की सभी खूबियों को सुन्दरता से समेटा है अति sundar !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
16 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Sunday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service