“हनुमान जयन्ती पर विशेष”
'दोहे'
खिली धूप धरती हँसे, शीतल चले बयार.
बजरंगी का जन्मदिन, हर्षित सब संसार..
चरण-शरण में हम रहें, बहे स्नेह की धार.
सृष्टि प्रदूषित जो करे, सहे गदा की मार..
आँखों पर चश्मा चढ़ा, छाया भ्रष्टाचार.
मुक्ति हमें अब दीजिए, अपनायें आचार..
भारत माता है दुखी, आँखों में है नीर.
संकटमोचन आप हैं, हर लें उसकी पीर.
राम कृपा हम पर रहे, दूर रहे अभिमान.
भारत छाये विश्व में, शिवजी दें वरदान..
हो धर्मों में एकता, तोड़ द्वेष के डंक.
मानवता हो विश्व में, दूर रहे आतंक..
आपस में मिलकर रहें, सबको दें सम्मान.
एक सूत्र में सब बंधें, पवनपुत्र हनुमान..
--अम्बरीष श्रीवास्तव
Comment
चरण-शरण में हम रहें, बहे स्नेह की धार.
सृष्टि प्रदूषित जो करे, सहे गदा की मार..
आदरणीय अम्बरीष जी .
नमस्कार....
हनुमान जयंती की पावन बेला पर आपकी रचना पढ़ मन आनंदित हो गया....बहुत-२ बधाई आपको ,
जय बजरंगवली.....शुभकामनाओं के साथ
आँखों पर चश्मा चढ़ा, छाया भ्रष्टाचार.
मुक्ति हमें अब दीजिए, अपनायें आचार..
सही बात है आदरणीय श्रीवास्तव साहेब , अब इस राष्ट्र , समाज और विश्व की नईया बजरंगबली ही पार लगा सकते हैं. सुन्दर प्रस्तुति के लिए साधुवाद ....... जय बजरंगबली
स्वागत है भाई संदीप जी ! इन दोहों को पसंद करने व सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार ! आज के भ्रष्टाचारी तंत्र में इस समय हनुमान जी की कृपा की अत्यधिक आवश्यकता है ! जय बजरंग बली ! :-)
जय बजरंग बली संकटमोचन बाबा की! हनुमज्जयन्ती के इस पावन अवसर पर आपके सुन्दर दोहे पढ़ कर हृदय भक्तिभाव में डूब गया| आदरणीय अम्बरीश जी मेरी ओर से इस पर्व विशेष की और इन सुगढ़ दोहों की रचना दोनों ही की बधाई स्वीकार करें|
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