For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हम भोजपुरिया हई भाई हो बिहार के ,

हम भोजपुरिया हई भाई हो बिहार के ,
जन देई देहब जे मंगबा तू प्यार से ,
हम भोजपुरिया हई हो बिहार के ,
छपरा में घर बाटे थाना हटे एकमा ,
परसा गढ़ से ता आगे केशरी बाज़ार बा ,
ओही जा त मठिया में भाई घर हमर बा ,
हमारा से मिले के बा तब जानी एतना,
कोल्कता में रही ले फिल्म हमार सपना ,
तिरहाटी आ जयेम मिलन होई यार के ,
हम भोजपुरिया हई भाई हो बिहार के ,
ट्रांसपोर्ट में नोकरी करीले इ ता रउआ जानी ,
दोस्त के हम दोस्त हई इ ता रउआ मानी
अइसन जमाना आइल बाटे राउये इ देखि ,
काम निकल जाई ता केहू राउआ के न पूछी ,
मतलब के इहा इयार बा खोजी रउआ जेतना ,
फायदा कबो न होला नेह नाता बिगार के ,
हम भोजपुरिया हई भाई हो बिहार के ,

Views: 453

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 19, 2010 at 4:59pm
अइसन जमाना आइल बाटे राउये इ देखि ,
काम निकल जाई ता केहू राउआ के न पूछी ,
मतलब के इहा इयार बा खोजी रउआ जेतना ,
फायदा कबो न होला नेह नाता बिगार के ,
हम भोजपुरिया हई भाई हो बिहार के

bilkul sahi likhle bani guru jee.....aajkal ke zamana me dher log matlab ke hi yaar baa...matlab nikal gaila ke puchi bhi naa waisan log...
Comment by Admin on April 19, 2010 at 4:27pm
अइसन जमाना आइल बाटे राउये इ देखि ,
काम निकल जाई ता केहू राउआ के न पूछी ,
मतलब के इहा इयार बा खोजी रउआ जेतना ,
फायदा कबो न होला नेह नाता बिगार के ,
हम भोजपुरिया हई भाई हो बिहार के ,

गुरु जी आजकल ईहे जमाना बा ,जब तक रौवा से मतलब बा तबले रौवा इयार बानी, मतलब निकल जाई त आदमी सब रिश्ता नाता भुला जात बा,आश्चर्य होत बा लोगन के स्वभाव पर का हमनी के अन्दर के आदमी मर चुकल बा ? ई अब सोचे के पडत बा, लेकिन एही ज़माना मे अबहियो लोग बा जे भावना खातिर पैसा रुपइया आ समय सब के साथ जुडल बा, पर आखिर कहिया ले जहिया ओकरा भावना के ठेस पहुची का गुजरी वोह आदमी पर, और आज ना त काल बनावटी चेहरा पर से पर्दा उठ ही जाई,आ शायद तब तक बहुत ही देर हो गइल रही, अबो समय बा की आदमी धूर्त लोगन के पहचान के आपन रास्ता सही कर लेव ना त इहे सब कोई कही की, "सबकुछ लुटा के होश मे आये तो क्या हूवा"
बहुत बढ़िया राउर ई कविता बा समाज के आँख खोले वाला , बहुत बहुत धन्यबाद इ पोस्ट खातिर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"कहाँ कुछ मंज़िलों से याद आया सफ़र बस रास्तों से याद आया. . समुन्दर ने नदी को ख़त लिखा है मुझे इन…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. जयहिन्द रायपुरी जी,पहली बार आपको पढ़ रहा हूँ.तहज़ीब हाफ़ी की इस ग़ज़ल को बाँधने में दो मुख्य…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service