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प्रेरणा :-
खुद को और दूसरो को हर रोज प्रेरित करना !!!!!
"इंतजार करने वालो को अच्छी चीजे मिलती तो है, पर केवल ऐसी चीजे ही मिलती है, जिन्हें कोशिश करने वाले छोड़ देते है I "

मै दो बातो में यकीं रखता हू -
(क ) ज्यादातर लोग अच्छे होते है, पर वे और अच्छे बन सकते है I
(ख ) ज्यादातर लोग यह जानते है की उन्हें अपनी जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए क्या करना चाहिए I

सबसे शक्तिशाली प्रेरणा हमारे अपने विश्वासों से जन्म लेती है I किसी काम के लिए पहल करने के लिए जरुरी होता है की हम जो कम करने जा रहे है ,उसमे यकीं रखे और अपने जीवन में उसकी जिम्मेदारी स्वीकार करे I जब हम अपने कार्य और व्यवहार की जिम्मेदारी स्वीकार करने लगते है,तो जिन्दगी के बारे में हमारा नजरिया बेहतर हो जाता है I हम निजी जिन्दगी में और अपने पेशे में ज्यादा नतीजे देने लगते है I घर और दफ्तर में हमारे रिश्ते बेहतर होने लगते है I जिन्दगी सार्थक और ज्यादा भरपूर हो जाती है I
शारीरिक जरूरते पूरी हो जाने के बाद आदमी की भावनात्मक जरूरते ज्यादा शक्तिशाली प्रेरणा बन जाती है I हमारा हर व्यवहार 'लाभ और हानि' के उसूल से बनता है I अगर लाभ से हानि ज्यादा है, तो वह हमारे काम में रुकावट बन जाएगी और अगर हानि से लाभ ज्यादा है, तो वह प्रेरणा बन जायेगा I

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Comment

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Comment by Admin on April 20, 2010 at 5:11pm
प्रिंसे जी बहुत बढ़िया , ऐसे ही लिखते रहिये सही जा रहे है,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 19, 2010 at 9:47pm
शारीरिक जरूरते पूरी हो जाने के बाद आदमी की भावनात्मक जरूरते ज्यादा शक्तिशाली प्रेरणा बन जाती है I हमारा हर व्यवहार 'लाभ और हानि' के उसूल से बनता है I अगर लाभ से हानि ज्यादा है, तो वह हमारे काम में रुकावट बन जाएगी और अगर हानि से लाभ ज्यादा है, तो वह प्रेरणा बन जायेगा
Bahut badhia Prince jee, aaj to aapney gardaa udaa diyaa bahut hi darshnik batey likhey hai, bahut badhiyaa, aisey hi lekh ka ham logo ko eentjaar thaa, thanks.
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 19, 2010 at 9:38pm
bahut badhiya prince jee...aisehi likhte rahe........

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