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1. सब मिल जुल कर जियो

भाई देखो यह देश और दुनियां तो सबकी हैं .
किसी एक के बाप का हक नही है इस पर .
फिर क्यों झगड़ा करते हैं हम बेवजह ?
जब तक जियो सब मिल जुल कर जियो यार .
तेरा, मेरा, इसका,उसका छोडो यह तकरार .
सब मिल कर रहो आपस में करो प्यार .
क्या रखा हैं हेगडी में एक दिन मर जाओगे यार .

2. सरोकार

तुम्हारे हमारे सरोकार क्या हैं
तुम क्या समझते हो परोपकार क्या है ?
किसी को देना अठन्नी-रुपया
यह परोपकार नहीं है भैया ,
उसे इस काबिल बनाने में करो मदद
कि वो खुद कमाले अठन्नी-रुपया.
इसी को कहते है परोपकार भैया .

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Comment

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Comment by Naval Kishor Soni on August 23, 2012 at 5:08pm

आदरणीय Laxman Prasad Ladiwala जी उत्साह वर्धन के लिए बहुतहुत शुक्रिया .

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 3:42pm

आपका स्वागत है !

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 23, 2012 at 3:39pm

सन्देश अच्छा लगा - बधाई 

Comment by Naval Kishor Soni on August 23, 2012 at 2:56pm

आदरणीय अम्बरीश जी उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया .

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 2:35pm

नवल किशोर जी ! इस रचना के माध्यम से सार्थक सन्देश देने का बहुत अच्छा प्रयास किया है आपने! बधाई स्वीकारें ! 

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