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तन्हाई का कैसा यारो फंडा

तन्हाई का कैसा यारो फंडा
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
फूल कही
हो खुशबु उसके साथ रहे ,
खुशबू हो जो वो भी हवा के साथ बहे
खुशबु से
हम सब का दामन भरता है ,
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है ,
कोई कैसे
तन्हा भी हो सकता है ?
दिल के साथ है धड़कन ,
आँख के साथ स्वप्न ,
सुखदुख
साथ में मिलके बनता है जीवन ।
जीवन धार में मिलके जीवन चलता है ,
तन्हाई
का कैसा यारो फंडा है ।
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
दीप के साथ
है ज्योति ,
मोती सीप में है
मीठी पीरहा देखिये गीत में है ।
कांटे
फूल के साथ हैं
फूल महकता है ।
तन्हाई का कैसा यारो फंडा है
कोई
कैसे तन्हा भी हो सकता है
DEEPZIRVI
9815524600

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Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on October 25, 2010 at 12:21pm
तन्हाई का कैसा यारो फंडा
कोई कैसे तन्हा भी हो सकता है ?
फूल कही
हो खुशबु उसके साथ रहे ,

शानदार रचना दीप साहब....और कुछ नहीं बस इतना ही कहूँगा की आगे भी ऐसी शानदार और धमाकेदार रचना का इंतज़ार रहेगा....
शुभकामनाये..

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 21, 2010 at 3:55pm
दिल के साथ है धड़कन ,
आँख के साथ स्वप्न ,
सुखदुख
साथ में मिलके बनता है जीवन ।
जीवन धार में मिलके जीवन चलता है ,

फिर कोई कैसे तन्हा रह सकता है, वाह वाह, सुंदर ख्याल दीप साहिब, यह धार बनाये रखे,
Comment by DEEP ZIRVI on October 21, 2010 at 8:41am
dhnyvaad juli ji
Comment by Julie on October 20, 2010 at 9:19pm
सुखदुख साथ में मिलके बनता है जीवन ।

परम-सत्य... बहुत ही सुंदर रचना दीप जी...!!

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