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अब भी चाँद चमकता है

अहा!अब भी चाँद चमकता है
तुम अब भी प्यारी लगती हो.
यूँ अब भी प्यार भटकता है
तुम दुनिया सारी लगती हो !

वो कल के बीते ताने-बाने
तुम आज कहानी लगती हो
वो सुन्दर खाब के अफसाने
तुम जानी पहचानी लगती हो!

देखो,वो सरगम वो साज सभी
तुम मेरी निशानी लगती हो.
मुझे बीता कल सब याद अभी
तुम परियों की रानी लगती हो !! .

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