For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या फायदा बाल दिवस कहने से ?

बाल दिवस पर विशेष




आज का दिन बहुत ही विशेष दिन है क्योकि आज का दिवस उन नन्हे-मुन्नों का है,जो आगे चलकर देश का बागडोर संभालेंगे !ये वही बच्चे है जिन्हें चाचा नेहरु ने देश का भविष्य कहा था .
आज पूरा देश पंडित जवाहरलाल नेहरु को याद कर उनका जन्मदिवस बाल दिवस के रूप में मना रहा है .चाचा नेहरु के देश में आज भी कुछ ऐसे बच्चे रह गए है जो इन प्रसन्नता भरे पलों से महरूम है .आज भी नेहरु जी के बच्चों का शोषण हो रहा है.जिन बच्चो को चाचा नेहरु ने देश की बागडोर देने का सपना देखा था ...वो आज पंजाब ,हरयाणा,सूरत के मीलों में गट्ठर सँभालते हुए नज़र आ रहे है.वो बच्चे ईट भठो पर काम करते नज़र आ रहे है ,ढ़ाबो में बर्तन धोते नजर आ रहे हैं,कूड़ा चुनते,ट्रनो में झाड़ू लगाते,फेरी लगाते हैं. ये नेहरु जी के आँख के तारे दलालों के हाथ बिकते नजर आ रहे है.क्या चाचा नेहरु ने ऐसा सोचा होगा की हमारे बच्चो का ये हाल होगा हमारे जाने के बाद.आज हर पार्टी कार्यालय में बखूबी चाचा नेहरु जी का जन्मदिवस मनाया जायेगा ...लेकिन उन्हें वो बच्चे नजर नहीं आयंगे .हमारे देश में हजार-दो हजार नहीं बल्कि पुरे 6 करोड़ बाल मजदुर हैं .हर पाच साल के बाद चुनाव आती है .....सबका स्त्री से लेकर ,दलित,महादलित,सबका मुद्दा गूंजता है लेकिन ये मुद्दा कभी भी किसी ने नहीं उठाया...जिस से इनका कल्याण हो सके .ये अन्याय इनके साथ क्यों होता है ?इसलिए की वो वोटर नहीं है, उनसे राजनितिक पार्टियो को कोई फायदा नहीं है.तो इसमें हमारे चुनावी सिस्टम की नाकामयाबी नजर आती है.आज हमारे देश में लगभग साढ़े पांच करोड़ बेरोजगारी है ,और ६ करोड़ बाल श्रमिक....तो अगर हम इन बाल श्रमिको को यहाँ से हटा दे तो क्या रोजगार नहीं बढ़ेगी .
आज इस राष्ट्र में जब ये देश के भविष्य अपने ही अधिकार रोटी,पढाई,प्यार और खेल से जब वंचित है तो, ये इस देश से ,सरकार से कुछ और क्या उम्मीद कर सकते है .ऐसे परिस्थितियो में क्या फायदा है १४ नवम्बर को बाल
दिवस के रूप में मानाने का ......इसे नेहरु जी का जन्मदिवस ही कहा जाये तो बेहतर होगा.
रत्नेश रमण पाठक

Views: 1189

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ratnesh Raman Pathak on November 17, 2010 at 10:31am
dhnayabad ganesh bhaiya

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 17, 2010 at 9:19am
रत्नेश भाई, स्थिति विकट है और आपकी चिंता जायज, आज चाय की दुकानों से लेकर होटलों तक, घरेलू मजदूर से लेकर ईट भट्ठों तक हर जगह बच्चो का शोषण होते दिख जायेगा, स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रहा है |
बेहद मार्मिक आलेख हेतु आप को साधुवाद |
Comment by Ratnesh Raman Pathak on November 15, 2010 at 11:29pm
dhanyawad rana bhaiya aur naveen bhai jee

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on November 14, 2010 at 10:38pm
बेहद मार्मिक ....देश के नेताओं ने अगर लेश मात्र भी इस और ध्यान दिया होता तो स्थिति इतनी विकराल नहीं होती|

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
8 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
9 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
9 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
10 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आयोजन में आपकी उपस्थिति और आपकी प्रस्तुति का स्वागत…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आप तो बिलासपुर जा कर वापस धमतरी आएँगे ही आएँगे. लेकिन मैं आभी विस्थापन के दौर से गुजर रहा…"
11 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service