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चाँद उदास था ....


कल चाँद बहुत उदास था 
तारे भी थे बुझे बुझे
हवा भी थी रुकी रुकी 
रात के दामन में,
छुपा सा कोई राज था 
कल चाँद बहुत उदास था ......
*******
पूछा तो कुछ बोला नहीं 
भेद कुछ खोला नहीं 
हंसी में उसकी दर्द था 
आँखों में थी नमी बसी 
दिल से दूर था कही 
कहने को मेरे पास था 
कल चाँद बहुत उदास था ....
*******

 

रंगत जरा फीकी सी थी 
नींदे  कही उडी सी थी 
सपने खड़े थे देहलीज पे 
आंखे मगर खुली सी थी 
धडकन भी थी खामोश सी 
बस कहने बार को श्वास था 
कल चाँद बहुत उदास था ....
*******

 

डूबा हुआ था याद में '
टूटे किसी इक खवाब में 
कोशिश तो थी संभलने की 
पर दर्द था आवाज में 
हवाओ की सरसराहट में 
बस दर्द भरा राग था 
कल चाँद बहुत उदास था ....
*******

 

खिडकी पे बैठे रही 
बस उसे तकती रही 
चाहा की उससे पूछ लू 
एक राज तो बता दे तू 
क्यों बेदाग़ सी थी रौशनी 
क्यों चाँद दागदार था 
कल चाँद बहुत उदास था ....
*******

 

(रौशनी धीर )

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Comment

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Comment by Meena Pathak on May 27, 2013 at 4:49pm

बहुत सुन्दर रचना ..... बधाई 

Comment by बृजेश नीरज on May 15, 2013 at 10:17pm

अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकारें आदरणीया!

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 15, 2013 at 10:15pm

आदरणीया रोशनी जी सादर, सुन्दर और मार्मिक रचना पर सादर बधाई स्वीकारें.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 15, 2013 at 9:51pm

बस कहने बार को श्वास था
कल चाँद बहुत उदास था ....

उपरोक्त पंक्तियों में श्वास यदि श्वसन की प्रक्रिया की एक आवृति है तो उसका अशुद्ध प्रयोग हुआ है. श्वास स्त्रीलिंग की क्रिया लेती है. और श्वास के एकवचन का क्या अर्थ ? चलती या होती तो श्वासें हैं.

कथ्य और उसके तथ्य पर ध्यान दें ,आदरणीया, रचना की सजावट आदि बाद की बातें हैं..

विश्वास है, कहे के तथ्य को समझ रही होंगीं.

सादर

 

Comment by Roshni Dhir on May 15, 2013 at 9:30pm

आ० कुंती जी ... रचना को इतने ध्यान से पढने  और प्रतिक्रिया के लिए समय देने के लिए हार्दिक आभार ऐसे ही अपना स्नेह बनाये रखे आभार 

Comment by Roshni Dhir on May 15, 2013 at 9:28pm

आ० चाचा जी आपके आशीर्वाद और स्नेह के लिए आभार 

Comment by Roshni Dhir on May 15, 2013 at 9:28pm

आ० श्याम जी तारीफ के लिए हार्दिक आभार 

Comment by Roshni Dhir on May 15, 2013 at 9:28pm

राम जी धन्यवाद 

आभार 

Comment by Roshni Dhir on May 15, 2013 at 9:27pm

आदरणीय विजय जी 

तारीफ के लिए धन्यवाद 

Comment by Roshni Dhir on May 15, 2013 at 9:26pm

धनयवाद केवल जी 

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