..वो मै था .कि......
जो सबके साथ चलना चाहता था ,
पर ये वो थे , अपने को मेरा सहारा समझ बेठे ,
वो मै था , जो प्यार को खुदा मानता रहा ,
पर ये वो थे की मेरे प्यार मे , लालच को तलाशते रहे,
वो मै था, सबसे छोटा बना हुआ था ,
पर ये वो थे सब अपने को बड़े बना बेठे ,
एक मै था कि घर अपना न बना पाया अभी तक
पर ये वो थे सब महल सजा बेठे ,
वो मै था कि बेठा रहा इंतजार मे मौत तक ,
पर ये वो थे कि मुड़ कर भी न देखा रहे गुजर मे ,
मौलिक एवं अप्रकाशित ,
Comment
बहुत सुन्दर...बधाई स्वीकार करें ……………… |
खूबसूरत रचना के लिए आदरणीय भाई साहब////////////
आदरणीय भाई साहब … तस्वीर के लिए कहा जा रहा है या रचना के लिए ………
बहुत खूबसूरत रचना साथ ही तस्वीर भी ........
हुत सुन्दरबहुत सुन्दरबहुत सुन्दरबहुत सुन्दरबहुत सुन्दरबहुत सुन्दरबहुत सुन्दर///////////////
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