For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रूठकर गयी थी सुबह मुझसे 

रात का दर्पण दिखा कर 
फिर लौट आयी है सुबह !!.
.
रूठकर गयी थी बहार मुझसे 
पतझड के पत्ते उड़ा कर 
फिर लौट आयी है फिजा !!
.
रूठकर जो गये तुम मुझसे 
न आये लौट के.....लौट के आयी
मन का अज़ाब और यादें नाचार !!
.
.
अज़ाब =पीड़ा,  नाचार =असहाय
 
सुमित नैथानी 
मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 626

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sumit Naithani on July 3, 2013 at 3:19pm

Saurabh Ji@ अभी नादाँ हूँ ..सीखते सीखते वक्त लगेगा 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 3, 2013 at 2:58pm

यदि मुझसे निवेदित है यह पंक्ति ..आगे से इस बात का पूरा ध्यान रखा जायेगा .. तो इस तरह का निवेदन किसी लिहाज से कोई उचित तरीका नहीं. 

दूसरे, मैं प्रथम नाम से संबोधनों को आदर देता हूँ.

सादर

Comment by Sumit Naithani on July 3, 2013 at 2:03pm

पाण्डेय जी@ आगे से इस बात का पूरा ध्यान रखा जायेगा 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 2, 2013 at 11:35am

विशेष भाव दशा की रचना के लिए अतिशय बधाइयाँ. लिखते रहें सुमित भाई.

एक बात:

रचना के साथ उसी रचना का जेपीइजी फ़ाइल ? कुछ समझ में नहीं आया. रचना के गठन और उसके शिल्पगत विन्दुओं पर संकेन्द्रित रहा जाय तो रचना के प्रस्तुतिकण और उसकी संप्रेषणीयता में सुधार होता जायेगा.

शुभेच्छाएँ

Comment by Sumit Naithani on July 2, 2013 at 10:30am

बाजपाई जी शुक्रिया 

Comment by Sumit Naithani on July 2, 2013 at 10:30am

 Ladiwala जी शुक्रिया 

Comment by Sumit Naithani on July 2, 2013 at 10:29am

उप्रेती जी शुक्रिया 

Comment by annapurna bajpai on July 1, 2013 at 2:09pm

बहुत सुंदर प्रस्तुति भावपूर्ण अभिव्यक्ति । बहुत बधाई आपको सुमित जी ।   

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 30, 2013 at 8:56pm

सुन्दर प्रस्तुति के लिय बधाई 

Comment by Harish Upreti "Karan" on June 30, 2013 at 4:00pm

रूठकर जो गये तुम मुझसे.....न आये लौटकर सुन्दर मर्मस्पर्शी........

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
5 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
17 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सुन, ससुराल में किसी से दब के रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरे भाई, हमने कोई फ्री में सादी थोड़ी की…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
23 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र ji कृपया देखिएगा सादर  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे मुहब्बत का होगा असर धीरे…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"चेतन प्रकाश जी, हृदय से आभारी हूं।  साप्ताहिक हिंदुस्तान में कोई और तिलक राज कपूर रहे होंगे।…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद आदरणीय धामी जी। इस शेर में एक अन्य संदेश भी छुपा हुआ पाएंगे सांसारिकता से बाहर निकलने…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय,  विद्यार्जन करते समय, "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" नामक पत्रिका मैं आपकी कई ग़ज़ल…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service