हैं माँग रहे हम……
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आदरणिय ,अगर भावों को और विस्तार मिलता तो और अच्छा होता.
अत्यंत सुंदर भाव है अभि ।
प्रिय वियोग की पीड़ा को सुन्दर शब्द मिले हैं
शुभकामनाएँ
अभिषेक कुमार झा ''अभी''
saheb maafi chahunga agar ye meri gustakhi hai toh
magar rachna kuch adhuri lag rahi hai.
jaha interest padhne kaa shuru hua waha aapki rachna hi khatam ho gayi isse fir padh kar baat poori kare taki or mazaa aaye padhne wale ko
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