For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हल्द्वानी में आयोजित ओ बी ओ ’विचार गोष्ठी’ में प्रदत्त शीर्षक पर सदस्यों के विचार : अंक ३

अंक २ पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें …

आदरणीय साहित्यप्रेमी सुधीजनों,
सादर वंदे !

ओपन बुक्स ऑनलाइन यानि ओबीओ के साहित्य-सेवा जीवन के सफलतापूर्वक तीन वर्ष पूर्ण कर लेने के उपलक्ष्य में उत्तराखण्ड के हल्द्वानी स्थित एमआइईटी-कुमाऊँ के परिसर में दिनांक 15 जून 2013 को ओबीओ प्रबन्धन समिति द्वारा "ओ बी ओ विचार-गोष्ठी एवं कवि-सम्मेलन सह मुशायरा" का सफल आयोजन आदरणीय प्रधान संपादक श्री योगराज प्रभाकर जी की अध्यक्षता में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ |

"ओ बी ओ विचार गोष्ठी" में सुश्री महिमाश्री जी, श्री अरुण निगम जी, श्रीमति गीतिका वेदिका जी,डॉ० नूतन डिमरी गैरोला जी, श्रीमति राजेश कुमारी जी, डॉ० प्राची सिंह जी, श्री रूप चन्द्र शास्त्री जी, श्री गणेश जी बागी जी , श्री योगराज प्रभाकर जी, श्री सुभाष वर्मा जी, आदि 10 वक्ताओं ने प्रदत्त शीर्षक’साहित्य में अंतर्जाल का योगदान’ पर अपने विचार व विषय के अनुरूप अपने अनुभव सभा में प्रस्तुत किये थे. तो आइये प्रत्येक सप्ताह जानते हैं एक-एक कर उन सभी सदस्यों के संक्षिप्त परिचय के साथ उनके विचार उन्हीं के शब्दों में...


इसी क्रम में आज प्रस्तुत हैं श्रीमती गीतिका वेदिका जी का संक्षिप्त परिचय एवं उनके विचार.....

नाम - गीतिका 'वेदिका' 

जन्म - मार्च 24, 1979     जन्मस्थान - टीकमगढ़( मप्र )

शिक्षा -  एम् बी ए disaster management  IMS देवी अहिल्या वि. वि. इंदौर,

 भाषा - हिंदी, बुन्देली बोली

विधाएँ – गीत-नवगीत, कविता, गज़ल, लघुकथा, नाटक, भारतीय छंद

 

प्रकाशन  व उपलब्धियां 

  • टीकमगढ़ से प्रकाशित दैनिक ‘दैनिक-सदय’ काव्य सुमन स्तम्भ में छह वर्षों से अनवरत कवितायेँ प्रकाशित,
  • दैनिक ‘अनोखा तीर” हरदा में सामयिक कवितायेँ प्रकाशन
  • ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में सम्बन्धित विषयों पर नाटक लेखन एवं बच्चो को मंच अभिनय में निर्देशन
  • प्रसार भारती आल इंडिया रेडियो छतरपुर से सामयिक काव्य प्रसारण,
  • वेब-पत्रिकाओं तथा प्रिंट पत्रिकाओं में कविता व आलेख प्रकाशन  
  • स्कूल, कालेज से प्रकाशित स्मारिका अंको में कविताये प्रकाशन  
  • स्कूल एवं कॉलेज स्तरीय काव्य मंचन  
  • स्थानीय रचनाकारों द्वारा अनुशंसा
  • नबम्बर २००९ से अंतर्जाल पर शब्दिका नामक चिट्ठा संचालन,
  • अखिल भारतीय पुस्तक मेला में कविता-पाठ 
  • कतिपय प्रतिष्ठित मासिक पत्रिकाओं द्वारा आयोजित काव्य-पाठ व लेखन कौशल प्रदर्शन 
  • अहिल्या नगरी इंदौर ‘गीता-भवन ट्रस्ट’ द्वारा आयोजित २००८ में ‘श्रीमद भागवत गीता की प्रासंगिकता: आज के सन्दर्भ में’ विषय पर  सर्वोत्कृष्ट लेख   
  • बचपन से समाचार पत्र नव भारत  के ‘बाल-स्तम्भ’  में कवितायें प्रकाशन,  एवं कई बार सर्वश्रेष्ठ बाल कवि के रूप में  चयनित
  • त्रिसुगंधी’ में कवितायें प्रकाशित
  • वर्तमान में साहित्यिक मंच ‘ओपनबुक्सऑनलाइन’ के सानिध्य में काव्य साधना व पूर्ण सक्रियता

 

श्रीमती गीतिका वेदिका जी के विचार उन्हीं के शब्दों में :-

 

आदरणीय अध्यक्ष महोदय, आदरणीय बागी जी आदरणीया प्राची जी, आदरणीय अतिथि महोदय आदरणीय आप सभी साहित्य के वरिष्ठ ज्ञाता, मेरे सह रचनाकार और साहित्य के नवान्कुरण, नौनिहाल ... ये विषय साहित्य में अंतरजाल का महत्व, इस पर अपनी समझ से कुछ विचार रखना चाहती हूँ... ये मेरा सौभाग्य है, रूमानी वादियों में मुझे साहित्य के महत्व का थोड़ा सा वर्णन करना है. मुझे लगता है सर्वप्रथम साहित्य में अंतरजाल का महत्व ये है कि हमें अंतरजाल पर स्थान मिला है लिखने का..

साहित्य जो पुस्तकों में बंद था, जो हम सभी को सहज उपलब्ध नहीं था, अंतरजाल के ज़रिये हमें सहज ही उपलब्ध हुआ..

नयी पीडी जो साहित्य के नाम से कतराती है, तथाकथित शायरी ज़रूर करती है, पर साहित्य क्या है, न के बराबर ही जानती है..अंतरजाल के ज़रिये नयी पीड़ी साहित्य उन्मुख हुई.

साहित्य यानि हर जो वस्तु है उसके सहित, वास्तविकता..

देश में जितनी भी भाषाएँ हैं सभी का अपना अपना प्रचलित साहित्य है, हम नहीं समझ सकते लेकिन हैं इसके ज़रिये.. हम हर भाषा की भावना को अनुवाद करके उस फीलिग को आत्मसात कर सकते हैं ये नेट का बहुत बड़ा योगदान है..

पहले जब हम रचनाएँ लिखते थे तो हम दोस्तों को सुनाते, पड़ोसियों को, मित्रजनों को, और सबसे प्रशंसा पा हम सोचते कि हम तो सर्वश्रेष्ठ रचनाकार हो गए , पर जब ओबीओ के संपर्क में आये तो पता पड़ा हम तो यहाँ शुरू से शुरुआत कर रहे हैं..

तो ओबीओ में आके रचना इतनी छनते छनते इतनी सही हो जाती है कि तब उसको रचना कहते हैं..उसके पहले शायद केवल अभिव्यक्ति!

नेट का महत्व है कि हम सभी रचनाकार बहुत समय से एक दूसरे से परिचित हो गए..आज हम सभी यहाँ मिले तो कभी नहीं लगा कि हम सब पहली बार मिल रहे हैं..ये नेट का ही योगदान है

बहुत सारी किताबें हैं जिनकी संसार में मात्र एक या दो ही प्रतिलिपि हैं, मुझे भी पढना है आपको भी पढ़ना है, सबको पढ़ना है...सबको उपलब्ध नहीं हो सकती, इसका सबसे सही तरीका है ई-बुक... ई-बुक पे हम जाके वो किताबें पढ़ सकते हैं, जो बस आख़िरी ही हैं.

मेरे ख़याल से मुझे इतने ही फायदे आते हैं और बहुत सारे फायदों के लिए मैं आप लोगों के विचार सुनूंगी

धन्यवाद!

अगले सप्ताह अंक ४ में जानते हैं ओ बी ओ सदस्या डॉ० नूतन डिमरी गैरोला जी का संक्षिप्त परिचय एवं उनके विचार.....

Views: 1374

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 11, 2013 at 12:15pm

ओ बी ओ के द्वारा शुरू की गई यह चर्चा अत्यंत सराहनीय है सभी के बारे में थोडा अधिक जानने को एवं उनके विचार उपरोक्त विषय पर जानने को मिल रहा है, इस बार आदरणीया गीतिका वेदिका का संक्षिप्त परिचय एवं उनके विचार जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. हार्दिक आभार आदरणीया गीतिका जी.

Comment by Abhinav Arun on August 11, 2013 at 6:38am

शब्द साहित्य साधिका आदरणीया गीतिका वैदिका जी की सक्रियता , मूल्यों के प्रति समर्पण - उनकी साधना - प्रतिभा सबको शत शत नमन वंदन और अनंत शुभकामनाएँ ! हल्द्वानी सम्मिलन में आपसे रूबरू होना और जानना - सुनना सब कुछ अविस्मर्णीय रहा ...विचार आपकी सोच और उर्जा का संकेत देते हैं | बहुत बहुत शुभेच्छाएं आपके उज्जवल भविष्य के लिए |

आदरणीय एडमिन जी के प्रति भी आभार ..यह श्रृंखला ओ बी ओ परिवार के आयोजन की ताजगी और हम सब में बसी उसकी खुशबू का बार बार एहसास कराती रहेगी !!

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 10, 2013 at 10:29pm

आ0 वेदिका जी, आपने भले ही स्वयं के विषय में कुछ न कहा हो किन्तु आपके बालपन की लगनशीलता और स्वच्छंद विचारों ने आज आपको समता और श्रेष्ठता के मंच पर लाकर स्थापित किया है, जिसके लिए आप पूर्णतया पात्रता भी रखती हैं। मैं आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं सादर नमन करता हूं। और आशा करता हूं कि आप भविष्य में भी अपनी सार्थक रचनाओं से समाज की सेवा में तत्परता और सजगता से संलग्न रहेंगीं। सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service