For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अमृता, तुम नहीं हो फिर भी....

एहसासों की लेखनी में श्रेष्ठ कवयित्री अमृता जी के जन्म दिन के उपलक्ष्य में मेरी एक अदना सी कोशिश, उनको बयां कर पाना आसां नहीं है,बस कोशिश की है....

नज्मों को सांसें

लम्हों को आहें

भरते देखा

अमृता के शब्दों में

दिन को सोते देखा

सूरज की गलियों में

बाज़ार

चाँद पर मेला लगते देखा 

रिश्तों में हर मौसम का

आना - जाना देखा

अपने देश की आन

परदेश की शान को

देसी लहजे में पिरोया देखा

मोहब्बत की इबारत को

खुदा की बंदगी सा देखा

अक्सर मैंने अपने आप को

अमृता की बातों में देखा

शब्द लफ्ज़ ये अल्फाज़

अमर है तुमसे

हाँ, मैंने तुम्हें जब भी पढ़ा

हर पन्ने पर तुम्हारा अक्स है देखा

अमृता, तुम नहीं हो फिर भी

आज हर लेखक को

बड़ी शिद्दत से

तुम्हें याद करते देखा

(मौलिक एव अप्रकाशित)

.......प्रियंका

Views: 840

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Priyanka singh on September 1, 2013 at 6:29pm

अरुन सर ...बहुत बहुत शुक्रिया आपका ....

Comment by Priyanka singh on September 1, 2013 at 6:28pm

गिरिराज सर ........ सराहने के लिए बहुत बहुत आभार आपका ....

Comment by Priyanka singh on September 1, 2013 at 6:26pm

शुभ्रा जी बहुत बहुत आभार आपका ....

Comment by Priyanka singh on September 1, 2013 at 6:25pm

मानव जी शुक्रिया आपका ...

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 1, 2013 at 5:43pm

आदरणीया अमृता जी को विन्रम श्रधांजलि बेहद भावपूर्ण रचना आपने उन्हें समर्पित की है हार्दिक बधाई आपको

Comment by vijay nikore on September 1, 2013 at 2:29pm

आदरणीया प्रियंका जी:

 

अमृता जी के जन्म-दिवस पर इतनी सुन्दर श्रद्धांजलि अर्पित कर

आपने जैसे पारितोषिक दिया है।

 

हर साल ३१ अगस्त को और ३१ अक्तूबर को उनकी याद

और भी आती है। उनकी कविताएँ,उनके उपन्यास मेरे बहुत प्रिय रहे हैं।

 

नवम्बर २००३ दिल्ली में अमृता जी से मेरी बहुत छोटी बात हुई थी,

कमज़ोरी के कारण ज़्यादा बात नहीं कर सकीं। २००६ और २००९ में

भारत आया तो "K-२५ हौज़ खास" उनके मकान पर गया, पर वह जैसे

अब वही नहीं था जहाँ मैं अमृता जी से कई साल पहले मिला था ...

गले में हूक अट्क गई।

 

आपका धन्यवाद।

सादर,

विजय निकोर

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on September 1, 2013 at 1:58pm

बहुत ही भावपूर्ण और बेहतरीन श्रद्धांजलि अमृता जी को.......!!!!

Comment by Abhinav Arun on September 1, 2013 at 6:43am

अमृता प्रीतम मेरी भी प्रिय रचनाकार रही हैं ...उनपर मैंने भी उनके निधन पर एक लम्बी कविता लिखी थी ...रसीदी टिकट ..से जो प्रभाव ग़ालिब हुआ सो सब कुछ पढ़ गया था एक समय ..

आपकी कविता कहीं से कमतर नहीं ,,सत्यम शिवम् सुन्दरम ..सशक्त मोहक सृजन के लिए प्रियंका जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें --

निवर्ण–सुवर्ण, अभिजात-मलिन

हाँ, मैंने तुम्हें जब भी पढ़ा

हर पन्ने पर तुम्हारा अक्स है देखा

अमृता, तुम नहीं हो फिर भी

आज हर लेखक को

बड़ी शिद्दत से

तुम्हें याद करते देखा

इस रचना के लिए बहुत बधाई आपको .

(आप स्वयं भी है ,सो दुरुस्त लिखें ..'''कवयित्री '' में भाषाई शुद्धता हो तो सोने पे सुहागा होगा न ?/)

Comment by vijayashree on September 1, 2013 at 12:34am

महान रचनाकारा को अद्वितीय श्रद्धांजली

अति प्रशंसनीय है 

बधाई स्वीकारें प्रियंका जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 31, 2013 at 11:13pm

अति सुंदर रचना, अनुपम श्रद्धांजली समर्पित की आपने अमृता जी को, बहुत बहुत बधाई आदरणीया प्रियंका जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
5 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service