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केवल अपना मत रखना चाहती हूँ
विरोधाभास !!
//ये जो टेढ़ी मेडी डंडिया खिची हुयी है , मुझे बहुत अच्छी लगती है, आपको पता है अंकल, मैं रोज़ खाली वक़्त में इन्हें बनाने की कोशिश करता हूँ//
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//हमारे यहाँ बच्चे स्कूल नहीं जाते, वो तो पैदा होते ही , पैसा कमाने लगते है, मोहल्ले में मेरा एक दोस्त है कल्लू , उसके घर पर सब बढ़िया है , फ्रिज , टेलीविज़न सब है, कोई दिक्कत नहीं , फिर भी स्कूल नहीं जाता , कबाड़ बीनता है क्योंकि हमारे यहाँ सब यही काम करते है।//
दोनों उद्बोधन एक ही बच्चे की अभिव्यक्ति नही प्रतीत हो रहे| जिस बच्चे को ये नही मालूम ये टेड़ी मेड़ी डँड़िया क्या है, उसे फ्रिज, टेलीवीजन, खाली समय, दिक्कत, सब बढ़िया, हमारे यहाँ बच्चे स्कूल नहीं जाते, इन बातों का ज्ञान कैसे हो गया !!!!
सादर !!
कथा के भाव अच्छे लगे। आपको बधाई।
सादर,
विजय निकोर
आदरणीय सुमित जी,
अच्छे भाव हैं आपकी लघुकथा के। इस प्रयास के लिए आपको हार्दिक बधाई!
एक निवेदन है कि इस कथा को कुछ और समय दीजिए। कसावट की कमी है इस कथा में। कहीं कहीं टाइपिंग की गलतियां भी हैं। इस कथा में समाचार पत्रों को क्यों निशाना बनाया गया, यह समझ नहीं आया।
//उसके घर पर सब बढ़िया है , फ्रिज , टेलीविज़न सब है, कोई दिक्कत नहीं//
आपकी कथा का यह अंश आपको अतिशयोक्ति सा नहीं लगता?
आ. सुमित जी,
// मगर उद्देश्य मीडिया या नेता के बारे में जगजाहिर करना नहीं था// मैने भी अपने विचार में किसी नेता या मीडिया का नाम नहीं लिया है, ना ही ऎसी मेरी मंशा ही थी.
कथा समाचार के साथ शुरु हो कर विज्ञापन पर आती है और फ़िर एक समाचार के लिये अखबार तलाशती है, इसी तारतम्यता को बनाये रखने के लिये मैने विज्ञापन का सहारा लेने का विचार दिया था.
आज शहर या गावों में ’स्कुल चले हम’ और ’सर्व शिक्षा अभिया’ के बैनर और पोस्टर देखने को मिलते हैं, लेकिन सच्चाई वो है, जिसका चित्रण आपने किया है...... वो बहुत सुन्दर है....
मैने तो बस, उस बच्चे की आँखो से, आँसू के कारण धुमिल हुये उस पोस्टर को पढने का प्रयास किया था.
सादर.
मीना जी @ शुक्रिया
जितेन्द्र जी @ शुक्रिया
राजेश जी @ शुक्रिया
लक्ष्मन जी @ शुक्रिया
शुभ्रांशु जी@ कमी बताने के लिए शुक्रिया। …।मगर उद्देश्य मीडिया या नेता के बारे में जगजाहिर करना नहीं था, मैं तो बस एक बच्चे के मन में भाव दिखाना चाहता था, जो पढना तो चाहता है, मगर उसका खुद का और हमारा समाज रास्ते में आते है
गिरिराज जी @ शुक्रिया ,…. बिकाऊ मीडिया के बारे में क्या कहु। ...
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