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सुबह फिर आ गयी जागो ..

सुबह फिर गयी जागो..




अपने आलस्य को त्यागो..
हुआ क्या सर्द जो मौसम 
थोड़ा सा ठिठुर भी लो .. 

कुछ ही दिन तो बची सर्दी, 
ज़रा इसका मज़ा भी लो. 
उठाओ चाय का प्याला, 
मज़े से उसकी चुस्की लो. 
 
नज़र अख़बार पे डालो , 
ज़माने की खबर तो लो. 
थोड़ी फ़ुर्सत मिले तो हाथ जोड़ो, 
ईश्वर को नमन कर लो. 
 
सुबह फिर गयी जागो 

 

 

 

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Comment

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Comment by Lata R.Ojha on December 27, 2010 at 3:30pm
आभार गिरी जी :) 
Comment by Rash Bihari Ravi on December 27, 2010 at 3:11pm
khubsurat manbhawan
Comment by Lata R.Ojha on December 27, 2010 at 1:23pm
धन्यवाद शारदा जी और गणेश जी :) 

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 26, 2010 at 4:45pm
जग गया ...

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