कोई कितना चाह ले , शक्ति से क्या वो जीतेगा
शक्ति का एक मौन भी ,उसपर कहर सा बीतेगा
तोड़ क्या पाएगा कोई शक्ति का फिर हौसला
पूज के शक्ति स्वरूपा क्या वो अब बच पाएगा ?
अपने पैरों पर कुल्हाड़ी खुद ही उसने मार ली
घाव अब नासूर होगा कब तलाक सह पाएगा
कब्र में हों पैर जिसके ,आग से है खेलता
कोई क्या काँधे चढ़ेगा ,स्वयं चित में जल जाएगा
दम्भी अभिमानी का दम्भ ,ख़ाक में मिल जाएगा
मौलिक / अप्रकाशित
Added by Lata R.Ojha on April 12, 2014 at 10:30am — 4 Comments
कुछ ख़ास लिए आई होली
Added by Lata R.Ojha on March 24, 2013 at 11:30pm — 9 Comments
टूटती सी ताल है ,भेड़िये की खाल है ..
चीख भी न सुन सके ,कानों का ये हाल है।।
बात तो तपाक सी ,गंदली नापाक सी ..
रोम रोम जल उठे ,'तीन पात ढाक' सी ..
गंगा निर्मल कहाँ ,प्रण में अब बल कहाँ ..
स्वच्छ जलधार हो ,कोई भी हल कहाँ?
स्वदेश है पुकारता ,स्वजनों से हारता ,
हिन्द के लिए कहाँ ,स्वयं कोई वारता ?
कुर्सी में गोंद है, उठना मोहाल है …
Added by Lata R.Ojha on January 12, 2013 at 3:00am — 10 Comments
Added by Lata R.Ojha on April 10, 2012 at 1:30am — 2 Comments
है बड़ी बात तो बड़ी बात ही रह जाने दो ..
Added by Lata R.Ojha on March 22, 2012 at 1:58pm — 11 Comments
Added by Lata R.Ojha on March 4, 2012 at 2:30am — 11 Comments
Added by Lata R.Ojha on October 31, 2011 at 8:49am — 4 Comments
Added by Lata R.Ojha on September 25, 2011 at 11:42pm — 2 Comments
कुछ कह न सके तुम, चुप सह न सके हम .
Added by Lata R.Ojha on September 14, 2011 at 12:00am — 10 Comments
फिर नज़दीक आती स्वतंत्रता दिवस की एक और वर्षगाँठ और मन में उठते सवालों का बवंडर ,क्या यह पूर्ण स्वतंत्रता है या क्या येही स्वतंत्रता है ? की जब जिसे चाहो लूट लो ,मार दो ,उजाड़ दो ? या फिर ..आज शहीदों को नमन करो कल भूल जाओ ? या फिर गरीबों की सहायता करने के झूठे वादे करो ,अपना मतलब साधो और…
ContinueAdded by Lata R.Ojha on August 10, 2011 at 10:00pm — No Comments
Added by Lata R.Ojha on July 1, 2011 at 12:30am — 8 Comments
ये नहीं कहूँगी की याद आ गई, क्योंकि उनको तो कभी भूलती ही नहीं, हाँ उनकी कमी का फिर से एहसास हुआ जब हर ओर माँ के अनुपम स्वरूपों को देखा आज मदर्स डे पर |
सुबह सुबह मुझे भी मेरे बच्चों की ओर से प्यार भरी मुस्कानों के साथ स्वयं बनाया हुआ कार्ड और उपहार मिला :)
सुख और दुःख का अजीब संगम था वो पल..नहीं ..सिर्फ वो पल नहीं ..आज का दिन ही शायद, तब माँ के लिए कोई निर्धारित दिन नहीं था किन्तु माँ थीं मेरे पास..आज वो नहीं, हाँ सशरीर तो नहीं किन्तु उनकी दी शिक्षा, संस्कार और स्नेह सदा ही…
Added by Lata R.Ojha on May 8, 2011 at 3:30pm — 2 Comments
Added by Lata R.Ojha on May 7, 2011 at 11:30pm — 11 Comments
करना रुखसत मुझे तो यूं करना ..
मेरे शब्दों को साथ कर देना..
मेरे स्वप्नों को हार कर देना..
गीत जो संग संग गाए थे..…
ContinueAdded by Lata R.Ojha on April 20, 2011 at 11:00pm — 7 Comments
बरसते नभ से नीर को सहर्ष अपनाते हैं...
नैन बरसें तो रूठ जाते हैं..
प्रीत को तौलते हैं जो लफ़्ज़ों में..वो.…
Added by Lata R.Ojha on April 18, 2011 at 10:30pm — No Comments
ओस की कुछ बूँदें बिना बताए ले आई थी,
Added by Lata R.Ojha on April 15, 2011 at 11:00pm — 2 Comments
Added by Lata R.Ojha on April 14, 2011 at 5:00pm — 2 Comments
Added by Lata R.Ojha on April 11, 2011 at 4:30pm — 2 Comments
Added by Lata R.Ojha on April 8, 2011 at 4:57pm — 4 Comments
Added by Lata R.Ojha on March 28, 2011 at 3:30pm — 5 Comments
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