हिंदी मेरे हिन्द की ,संस्कृति की पहचान
मिसरी घोले कान में ,इसमें बसती जान //
संस्कृत की दिव्या सुता ,जन जन का आचार
लाकर अब व्यवहार में ,दो इसको विस्तार //
मातृभूमि की शान है ,देश का स्वाभिमान
हिंदी बिंदी मात की ,यह मेरा अभिमान //
पर्व एक हिंदी दिवस, मनालो संग प्यार
वारें इस पर जान हम ,दें सम्मान अपार //
हिंदी भाषा देश को करती है धनवान
अंग्रेजी को छोड़ कर ,इसको देना मान //
हिंदी दिन है आ गया ,ख़ुशी मनाओ यार
देव भाषा है इससे , महकाओ घर-बार //
स्नेह हिंदी भारत का ,भारत की है आस
हिंदी भाषा है मधुर सबका यह विश्वास //
हिंदी दिन की आपको ,बधाइयाँ हैं ढेर
हिंदी अपनाएं सभी अब काहे की देर //
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..............मौलिक व अप्रकाशित ..............
Comment
जी हाँ सरिता जी १ १ २ आ सकता है उदाहरण देखिये कमल खिला अतः १२ बाद में और १ पहले शब्द के साथ मिला हुआ सकता है ,किन्तु अंत में कमला नहीं हो सकता ,आशा है आप समझ गई होंगी
राजेश दी पर इसमें लिखा है
दोहे के विषम चरणों के अंत में सगण (सलगा ११२) , रगण (राजभा २१२) अथवा नगण(नसल १११) आने से दोहे में उत्तम गेयता बनी रहती है! सम चरणों के अंत में जगण अथवा तगण आना चाहिए अर्थात अंत में पताका (गुरु लघु) अनिवार्य है|
सबसे पहला सगण [सलगा ११२] जैसे आपने इससे को इंगित किया
प्रिय सरिता जी यहाँ सही लिखा है ,आपका संशय दूर करदेती हूँ .कमल =१ १ १ ही है अतः विषम चरण में १ १ १ ठीक है किन्तु ग़ज़ल में इसको १२ लेते हैं
भारत = २ १ १ है =इसको विषम चरण में नहीं ले सकते
सबको भी =१ १ २ २ है
बस आप इस बात को समझ लें जिसमे बड़ी मात्रा जुड़ जाती है वो दीर्घ /गुरु होता है
कई बार ग़ज़ल लिखने वाले छंद में गलती वश (जैसे भारत )में २ २ गिन लेते हैं ये गलती कई बार मुझसे भी हुई जो नहीं होनी चाहिए ,इसी लिए आप दुविधा में पड़ गई
जैसे आपने एक स्थान पर लिखा है ---देव भाषा है इससे--इसमें इससे १ १ २ आया जो विषम चरण के शिल्प में नहीं आता ,बस यहीं गलती हुई है ,समूह में दोहों के शिल्प में पूर्णतः स्पष्ट है
आदरणीय ब्रिजेश नीरज जी आपकी मार्गदर्शक एवं उत्साहित टिप्पिनी का हमेशा तह दिल से स्वागत है
आपका सुझाव अच्छा लगा कथ्य दोबारा नहीं दुहराया जाना चाहिए आगे से ध्यान रहेगा |
मैंने आपके कहे अनुसार कुछ बदलाव किया है
अरुण आभारी हूँ मार्गदर्शन कर स्नेह बनाए रखें
आदरणीया राजेश दी
आपके कहे अनुसार कुछ सुधार किये हैं आशा है अब आपको पसंद आएंगे
पर दी एक बात अभी भी समझ नहीं आई है भारत को 2/2 और सबको 2/2 क्यों गिन रहे हैं ,मैंने आपका भेजा लिंक देखा उसमें कहीं पर भी ऐसा नहीं किया गया
१११ १११ २११ १११,
नवल धवल शीतल सुखद,
इसमें शीतल को 2 1 1 हि लिया गया है
११२ ११२
महुआ महका,
महका 1 1 2
कृपया मार्गदर्शन कर संशय दूर करें
आदरणीय अभिनव अरुण जी एवं केवल परसाद जी आपका हार्दिक अभिनन्दन
आदरणीय गिरि राज भंडारी जी और भाई राम शिरोमणि जी हार्दिक आभार
आदरणीय भ्राता श्री लक्ष्मण जी
आपके कहे अनुसार गेयता में कुछ सुधार किया है शुभाशीष बनाए रखें
आदरणीय अखिलेश श्रीवास्तव जी आपका सुझाव बहुत अच्छा लगा ,हमें हिंदी में ही हस्ताक्षर करने चाहिए ,पंक्ति में आपका बदलाव भी पसंद आया शुक्रिया
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