अजीब विडम्बना है
कि अपने दुखों का कारण
अपने प्रयत्नों में नहीं खोजते
बल्कि मान लेते हैं
कि ये हमारा दुर्भाग्य है
कि ये प्रतिफल है
हमारे पूर्वजन्मों का...
अजीब विडम्बना है
जो मान लेते हैं हम
ब-आसानी उनके प्रचारों को
कि तंत्र-मन्त्र-यंत्र,
तावीजें-गंडे
शरीर में धारण कर लेने मात्र से
दूर हो जाएंगे हमारे तमाम दुःख !
अजीब विडम्बना है
लम्बी-लम्बी साधनाओं का
तपस्या का
मार्ग जानते हुए भी
हम खोजते हैं 'शार्ट-कट्स'
और इसी दरमियान कोई आकर
बताने लगता है दुखों का इलाज
बिना उसकी प्रामाणिकता जाने
मान लेते हैं उसे अपना 'कष्ट-निवारक'
गढ़ कर मूर्तियाँ
पूजने लगते हैं उसे....
अजीब विडम्बना है
कि एक दिन जानकार उसकी वास्तविकता
छिन्न-भिन्न हो जाता सब-कुछ
और हम ठगे-ठगे
राह में लुटे-पिटे
अपने विश्वास की वीभत्स ह्त्या-काण्ड का
देखते हैं नज़ारा....
खोजने लगते फिर
एक नया सहारा...
(मौलिक अप्रकाशित )
Comment
अजीब विडम्बना है
कि एक दिन जानकार उसकी वास्तविकता
छिन्न-भिन्न हो जाता सब-कुछ
और हम ठगे-ठगे
राह में लुटे-पिटे
अपने विश्वास की वीभत्स ह्त्या-काण्ड का
देखते हैं नज़ारा....
खोजने लगते फिर
एक नया सहारा... ...................................... बहुत सुंदर, पंक्तियाँ गूढ अर्थों को समेटे हुए । इस अनुपम रचना के लिए बहुत बधाई । आपको आ0 अनवर जी ।
अजीब विडम्बना है
कि अपने दुखों का कारण
अपने प्रयत्नों में नहीं खोजते
बल्कि मान लेते हैं
कि ये हमारा दुर्भाग्य है
कि ये प्रतिफल है
हमारे पूर्वजन्मों का..........बहुत सटीक व् प्रभावी कथन
बहुत बढ़िया रचना, बधाई आपको आदरणीय अनवर साहब
कर्म की प्रधानता और अंधविश्वास की तक़लीफे बयान करती आपकी ये रचना बहुत सुन्दर लगी !! आदरणीय अनवर जी बधाई !!
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online